कोरोना महामारी के बाद देश प्रदेश से वापस लौटे प्रवासियों के रोजगार की व्यवस्था के साथ-साथ देश की सीमा से लगे गांव में भी आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए सीमांत विकास योजना के अंतर्गत विकास कार्य संपादित किए जाएंगे, उत्तराखंड शासन की ओर से सभी संबंधित जिलाधिकारियों को इस पर कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए
गुरूवार को सीमांत विकास कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी डा0 आशीष चौहान ने सीमांत विकास योजानाओं से जुड़े विभागों के अधिकारियों को ठोस कार्य योजना बनाने के साथ ही आवश्यक दिशा- निर्देश दिये ।
जिला सभागार में बैठक लेते हुए जिलाधिकारी डा0 चौहान ने कहा कि सीमांत गांवों में विकास योजनाओं को प्रथामिकता देते हुए कार्यों को बेहतर रूप दिया जाए । उन्होनें कहा कि ट्रेक रूटों , होम- स्टे के क्षेत्र में प्रमुखता से कार्यों के सम्पादन को पूर्ण करते हुये किसान ट्रेनिंग सेन्टर, सेब के बागवानों , को विकसित किये जाने को लेकर प्रभावी कदम उठाये जाए । सीमावर्ती गांवों में मूलभूत सुविधाएं यथा पेयजल , बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिये प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाए ।
जिलाधिकारी ने कहा कि डिफेंस पर्यटन को ओर बढ़ावा देने के लिए जादूंग में भी समेकित पर्यटन विकास योजना के तहत जरूरी कार्य पूर्ण कर लिया जाए । उन्होनें सीमांत विकास के अन्तर्गत किसानों के डेटा- बेस को तैयार करने निर्देश दिये । उन्होनें मुख्य शिक्षाधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि विद्यालयों के खुलने पर इन्टर कालेज हर्षिल में एग्री कल्चर कक्षाएं संचालित करना सुनिश्चित करें ।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी पीसी डंडरियाल, परियोजना निदेशक राजेन्द्र सिंह रावत ,जिला विकास अधिकारी संजय सिंह, मुख्य उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह , मुख्य शिक्षाधिकारी रामचन्द्र कुशवाह सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे ।
