बेटी की बारात कैसे आएगी गाँव तक।
बाढ़ में बह गए संपर्क मार्ग।
5 वर्षो से मिल रहे कोरे आश्वासन।
गिरीश गैरोला
विगत 5 वर्षों से गाँव तक संपर्क मार्ग की मांग कर रहे ग्रामीणों को बीजेपी और कांग्रेश दोनो सरकारोंसे भरोसा उठ गया है। उत्तरकाशी कॉलेक्ट्रेट में एक दिन प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने चक्का जाम के साथ 2019 के लोक सभा चुनाव के बहिस्कार की घोषणा कर दी है।
राज्य में ग्राम सड़क योजना की बात हो अथवा केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के भरोसे की बात उत्तरकाशी मुख्यालय से लगे चमकोट के लोग विगत 5 वर्षों से गाँव तक संपर्क मार्ग बहाली की मांग कर रहे है। पूर्व की कांग्रेसी सरकार ने पुल तो स्वीकृत किया किन्तु उसका निर्माण सुरु नही हो सका। राज्य में बीजेपी के चुनाव प्रचार में उत्तरकाशी आये केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी सरकार बनने पर सड़क संपर्क मार्ग बहाली का भरोसा दिलाया था जो आज तक पूरा नही हुआ।
वर्ष 2012 की आपदा में गाव तक का संपर्क मार्ग बाह गया था तब से गाँव के लोग ट्रॉली के तार पर झूल कर गंगा भागीरथी को पार कर रहे है। ट्रॉली की अपनी सीमाएं है हालात ये है गाव में गरीबो की बेटियों की शादी नही हो पा रही है। ग्रामीणों ने श्रमदान कर गंगा नदी पर पेड़ डालकर एक अस्थायी पुल आवाजाही के लिए बनाया किन्तु ये पुल जल स्तर बढ़ने पर कभी भी बाह सकता है।
प्रदेश में ग्राम सड़क योजना चल रही है किंतु उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगे चामकोट गाँव मे आज भी ट्रॉली के तार पर जिंदगी लटकी हुई है।
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