194 दिनों की तपस्या के बाद संत आत्मबोधनंद ने अपना उपवास तोड़ लिया है गंगा की अभियंता और खनन माफियाओं के खिलाफ उनके अभियान पर उन्हें एन जीबी आर से आश्वासन मिला है।
अंकित तिवारी
इसके बाद मातृ सदन में उपवास पर बैठे संत ने अपना उपवास तोड़ दिया ।
संत आत्मबोधानंद ने कहा यह एक दिव्य संयोग है कि आज से 5 वर्ष पूर्व ठीक इसी दिन 4 मई को बद्रीनाथ धाम में उनकी मुलाकात गुरु जी से हुई थी, और कल
दिनांक 04 मई 2019 को उनकी तपस्या की पूर्णाहुति हुई।