किसानों के आगे झुके मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ।
अंकित तिवारी
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष श्री शिव कुमार कक्काजी के नेतृत्व में आज संगठन के सैंकड़ों पदाधिकारियों ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी से मुलाकात की एवम 24 मांगों का मांगपत्र सौंपा। किसानों की बात सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने किसान समन्वय समिति बनाने व कर्जमाफी की प्रक्रिया में आ रही समस्याओं का समाधान करने के लिए एक कमेटी गठित करने की घोषणाएं की। किसान समन्वय समिति की मीटिंग हर 3 महीने में होगी जिसमें किसानों की समस्याओं का निवारण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसके अलावा अन्य मांगों पर भी गम्भीरतापूर्ण विचार करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने अपनी 1 से 5 जून तक के गाँव बन्द आंदोलन को स्थगित करने का फैसला किया।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ द्वारा मुख्यमंत्री महोदय को सौंपा गया मांगपत्र
सेवा में
माननीय कमलनाथ जी
मुख्यमंत्री महोदय
मध्यप्रदेश शासन
भोपाल
विषय – किसानों की बुनियादी समस्याओं के निराकरण हेतु मांगपत्र
महोदय
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ देश का प्रमुख गैर-राजनीतिक किसान संगठन है जो लंबे समय से किसानों के लिए संघर्षरत है। देश के 15 राज्यों में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ की इकाईयां कार्यरत हैं।
हमारी 4 केंद्र स्तर की मांगें हैं – 1). किसानों को स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार फसलों का लाभकारी मूल्य दिया जाए। 2). देश के सभी किसानों को पूर्ण कर्जमुक्त किया जाए। 3). फल, सब्ज़ी व दूध का MSP तय किया जाए। 4). किसानों की पेंशन सुनिश्चित की जाए।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ की प्रदेश स्तर की प्रमुख मांगें-
1). राज्य सरकार द्वारा कर्जमाफी की प्रक्रिया में अनेक अनियमितता बरती जा रही हैं जिनका तुरन्त समाधान किया जाए। कर्जमाफी के लिए 31 मार्च की समयसीमा की बजाय मुख्यमंत्री द्वारा शपथ लिए जाने के दिन तक का किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ किया जाए। राष्ट्रीयकृत बैंकों की कर्जमाफी की समयसीमा निर्धारित की जाए एवम प्राइवेट बैंकों से लिये गए कर्ज़ को भी कर्जमाफी की प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाए।
2) मंदसौर गोलीकांड में दोषित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज की जाए एवम पुलिस कस्टडी में 2 किसानों को पीट-पीट कर मारने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाए। किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए 7000 केसों को तुरंत वापस लिया जाए।
3) किसानों की समस्याओं के निवारण के लिए प्रदेश में किसान समन्वय समिति बनाई जाए जिसकी हर 3 महीने में मीटिंग आयोजित हो। इस समिति के अध्यक्ष प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री हों एवम संयोजक राष्ट्रीय स्तर के किसान संगठन के प्रतिनिधि हों। प्रदेश के सम्बंधित विभागों के मंत्री व किसान नेता इस समिति के सदस्य हों।
4). भावान्तर योजना के तहत पिछले वर्ष की बकाया राशि का तुरन्त भुगतान किया जाए।
5). फसल बीमा योजना में बरती जा रही अनियमितताओं को दूर किया जाए। बीमा योजना में औसत उत्पादन का पुनर्मूल्यांकन किया जाए एवम असल उत्पादन को ही औसत उत्पादन माना जाए। बीमा योजना में सुधार के लिए सरकार के सम्बंधित मंत्रियों व किसान नेताओं की एक संयुक्त कमेटी बनाई जाए।
6). किसानों की समस्याओं पर चर्चा के लिए विधानसभा का 7 दिन का स्पेशल सत्र बुलाया जाए।
7). पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा लागू किये गए किसान अधिग्रहण बिल को रद्द किया जाए।
8). किसान मजदूर कल्याण न्यास के इंटरनेशनल केंद्र की स्थापना के लिए केरल में भूमि आवंटित की जाए।
9). प्रदेश में किसान आयोग की स्थापना की जाए जिसे संविधानिक दर्जा दिया जाए और किसी विद्वान को इसका अध्यक्ष बनाया जाए।
10). Cm किसान सहायता केंद्र की स्थापना की जाए जिसके संचालन की ज़िम्मेदारी किसान न्यास को दी जाए।
11). क्षेत्र की जलवायु अनुरूप मंडी में फसल खरीदी की समयसीमा तय की जाए।
12). प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने हेतु किसान को प्रति-एकड़ और प्रति-फसल 10000 रुपये की राशि दी जाए।
13). मंडी अध्यक्ष का चुनाव किसानों द्वारा सीधे प्रत्यक्ष तौर पर किया जाए। मंडी प्रबंधन में बरती जा रही अनियमितताओं को रोका जाए एवम उसके समाधान के लिए एक समिति का गठन किया जाए। मंडी में किसानों की सुविधानुसार आरटीजीएस, चेक, ड्राफ्ट या कैश से किसानों को भुगतान किया जाए।
14). दक्षिण भारत के राज्यों की तरह राजस्व अधिकारी को स्वतंत्र प्रभार दिया जाए जिस से नामांतरण, खुर्दबटाई, फोतिनामा जैसी प्रक्रिया बिना किसी विलंब के पूरी की जाएं। मुंडीमीनारें (चांदा मीनारें) पुनिर्जिवित की जाएं।
15). गन्ने की बकाया राशि का तुरन्त भुगतान किया जाए।
16). मंडियों में फसलों के पंजीकरण व खरीद की समयसीमा को समाप्त किया जाए।
17). ट्रांसफार्मर जलने पर 12 से 72 घण्टे के अंदर बदले जाएं एवम कृषि बिजली दिन में दी जाए व समय बढ़ाई जाए। कृषक ट्रांसफार्मर अनुदान योजना को दोबारा शुरू किया जाए।
18). गेहूं, सोयाबीन व मक्के पर मिलने वाले बोनस का तुरन्त भुगतान किया जाए व विगत वर्ष के बीज उत्पादन किसानों को ₹265/क्विंटल का बोनस दिया जाए।
19). नहर की सफाई व रख-रखाव तय समयसीमा में की जाए जिस से किसानों को सही समय पर पानी पहुंच सके।
20). जंगली पशुओं व अवारा पशुओं से किसानों को होने वाली समस्याओं का तुरन्त समाधान किया जाए।
21). नकली बीज, कीटनाशक व खाद पर पूर्ण नियंत्रण और इनकी तय समयसीमा में आपूर्ति की जाए।
22). गाँवों की कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण न किया जाए व गाँवों को नगर निगम में शामिल न किया जाए।
23). भोपाल में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ को कार्यालय आवंटित किया जाए एवम जिले स्तर पर मंडियों में कार्यालय आवंटित किया जाए।
24). सरकारी दूध संघों के रेट बढ़ाये जाएं।
