दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. शीला दीक्षित का निधन हार्ट अटैक से हुआ है. उनके निधन की खबर मिलते ही उनके समर्थकों में मायूसी फ़ैल गई. श्रीमती शीला दीक्षित के निधन से कांग्रेस को बड़ी क्षति हुई है. कांग्रेस ने एक अच्चे नेता को खो दिया.
हरीश असवाल दिल्ली।
श्रीमती शीला दीक्षित का जन्म ३१ मार्च,१९३८ को हुआ था. इन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली के कान्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से ली. बाद में स्नातक और कला स्नातकोत्तर की शिक्षा मिरांडा हाउस कालेज से ली. इनका विवाह प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी तथा पूर्व राज्यपाल व केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री रहे, श्री उमाशंकर दीक्षित के परिवार में हुआ. इनके पति स्व. श्री विनोद दीक्षित भारतीय प्रशासनिक सेवा के सदस्य रहे थे. इनके दो संतानें हैं, एक पुत्र व एक पुत्री.
श्रीमती शीला दीक्षित भारत के केरल राज्य की पूर्व राज्यपाल हैं. केरल के राज्यपाल निखिल कुमार के त्यागपत्र देने के पश्चात् उनकी नियुक्ति इस पद पर की गई थी. इससे पूर्व वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली राज्य की मुख्य मंत्री रह चुकी हैं. वे देश की पहली ऐसी महिला मुख्यमंत्री हैं. जिन्होंने लगातार तीन बार मुख्यमंत्री पद संभाला. इनको 17 दिसंबर,2008 में लगातार तीसरी बार दिल्ली विधान सभा के लिये चुना गया था. 2013 में हुए विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. वे दिल्ली की दूसरी महिला मुख्य मंत्री थीं. 2017 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांगेस पार्टी की मुख्यमंत्री पद लिये उम्मीदवार घोषित की गई है.
इन्होंने महिला उत्थन के लिये अथक प्रयास किये हैं. इनका महिलाओं को समाज में बराबरी का स्तर दिलाने के अभियानों में अच्छा नेतृत्व रहा है। इन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की महिला स्तर समिति में भारत का प्रतिनिधित्व भी पांच वर्षों (1984 – 89) तक किया. इन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने 82 साथियों के साथ अगस्त 1990 में 23 दिनों की जेल यात्रा की थी, जब वे महिलाओं पर समाज के अत्याचारों के विरोध में उठ खड़ी हुईं थी, तब उन्होने प्रदर्शन भी किये थे. इससे भड़के हुए लाखों राज्य के नागरिक इस अभियान से जुड़े, व जेलें भरीं. 1970 में, वे यंग विमन्स असोसियेशन की अध्यक्षा भी रहीं, जिसके दौरान, इन्होंने दिल्ली में दो बड़े महिला छात्रावास खुलवाये. यह इंदिरा गाँधी स्मारक ट्रस्ट की सचिव भी हैं। इस ट्रस्ट ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना स्थान बनाया है. यही ट्रस्ट शांति, निशस्त्रीकरण एवं विकस के लिये इंदिरा गाँधी पुरस्कार देता है, व विश्वव्यापी विषयों पर सम्मेलन आयोजित करता है, इनके संरक्षण में ही, इस ट्रस्ट ने एक पर्यावरण केन्द्र भी खोला है.ओखला स्तिथ एस्कॉर्ट में निधन, आज सुबह एस्कॉर्ट अस्पताल में कराया गया था भर्ती।
हरीश असवाल दिल्ली