जीवाणू,देवजानी,विंगसारी,मोरी में कोटलाएंक खण्डासूरी महाराज व विशासन महाराज के दो दिवसीय सावन मेले का सम्मापन-
सुरेंद्र देवजानी मोरी
मोरी के जीवाणू,देवजानी, विंगसारी में अलग-अलग गांव में दो दिवसीय सावन मेले कोटलाएंक खण्डासूरी महाराज व विशासन महाराज मेले का आयोजन सावन माह के पूर्व में दो दिन का मेला मनाया जाता है,जिसमे गडूगाड़ पट्टी के सभी लोग व नाते रिस्तेदार सभी लोग गांव पहुँचते है!! पहले दिन दोनों गांव में कफूवा लगता जिसमे दास लोगों द्वारा कुछ महाराज के छोड़े जागर गायन दास बन्दुओं द्वारा लगाये जाते है उसमे देवताओं के सामूहिक गाथाओं का जिक्र होता है।सावन मेले के आयोजन से पूर्व गांव के इस्थानिय ग्रामीण जनों द्वारा भी निर्धारित मेले की तिथि से पहले ही इस मेले के लिए हरियाल उगाई जाती है,जिसको मेले के दिन सभी लोग अपने पराम्परागत रूप से सर व सर्ट के जेब मे लगाई जाती है,महिलाओं द्वारा सभी घर व नाते-रिस्तेदारों के लिए भी हारियाल दी जाती है,अन्तिम दिन देवजानी में देवता का आगमन पुरोला, गुंदीयाट गांव के लिए प्रस्थान होता है और देवजानी में पांडव नृत्य व पारम्पारिक रूप से तांदी गीतों के झुंड अलग-अलग रूपों में गाय जाते है इनके साथ ही पूरे वर्ष की कुशलता की कामनाओं के साथ मेले का सम्मापन किया जाता है।।
मेले में सुरेन्द्र”देवजानी”, जयराम चौहान, सोबेन्द्र चौहान,विनोद चौहान,सूरत चौहान,जोगेन्द्र चौहान,विजेन्द्र सिंह चौहान, माली प्रहलाद सिंह,अनिल पंवार,दफ्तर पंवार, नरेश पंवार,बाबूराम सिंह,विनेश सिंह,सोबेन्द्र सिंह,फरसराम सिंह, सतेंद्र सिंह,सतपाल सिंह,तारा सिंह,रविन्द्र सिंह,भारत सिंह,पुष्पेन्द्र सिंह,विजय सिंह,उपेन्द्र सिंह वर्मा,अर्जुन सिंह,राजेन्द्र पंवार,राजेन्द्र चौहान,सूरज सिंह,आशाराम सिंह, विंगसारी में कल्याण रावत,राजेन्द्र पंवार,माली मनोज डोभाल, अनिल राणा,वृजमोहन रावत,राजेश डोभाल,कैलास डोभाल,अनूप डोभाल,विजयपाल रावत,विजयपाल भारती,शीशपाल भारती,बलवीर भारती,रज्जु वर्मा,शूरवीर भारती,आचार्य राजेन्द्र बापू,मनोज चौहान,राजमोहन डोभाल,घनश्याम तिवाड़ी,रजन लाल अनेकों मेले आगुन्तको का झुंड उपस्थित मेले के साक्षी बने।।