अविरल गंगा की मांग को लेकर स्वामी सानंद का एम्स में ही अनसन सुरु।
पीएम मोदी पर लगाये आरोप -गंगा के नाम पीएम बनने वाले मोदी भूल गए अपना वादा।
गंगा के लिए प्राण त्यागने की दी चेतावनी।
गिरीश गैरोला
गंगा के नाम पर वैज्ञानिक से साधु बने प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद ने मूर्ति पूजा छोड़ कर गंगा को साक्षात ईश्वर मानते हुए पूजने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि लोगो को भगवान काशी के विश्वनाथ की पूजा करने की बजाय माँ गंगा की पूजा की जानी चाहिए, इसके लिए उन्होंने गीता के उस श्लोक का भी जिक्र किया जिसमें श्रीकृष्ण कहते है कि धाराओं में जान्हवी गंगा मैं ही हूं।
गंगा की अविरलता और उसमें बनने वाले बांधो के विरोध में ऋषिकेश एम्स में ही अनसन सुरु करने के बाद स्वामी सानंद ने कहा कि पीएम मोदी को संसद में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर बांध बने या न बने इसके लिए एक कानून पारित करवाना चाहिए और कानून बनने तक इन जल विधुत परियोजनाओं को स्थगित रखा जाना चाहिए । इसके साथ ही उन्होंने गंगा भक्तो की एक परिषद का भी गठन करने की मांग की, जिसके सभी सदस्य गंगा में खड़े होकर शपथ ले कि ऐसा कोई कार्य नही होने देंगे जिससे गंगा को रत्ती भर भी हानि हो। पीएम मोदी को भेजे गए पत्र में स्वामी सानंद ने आरोप लगाया कि 4 वर्ष के कार्यकाल में गंगा के लिए केंद्र सरकार ने कोई भी भी ठोस कदम नही उठाया है , उन्होंने चेतावनी दी कि गंगा के लिए वे अपने प्राण त्यागने में भी पीछे नही रहेंगे।
इधर ऋषिकेश विधायक और विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने गंगा के लिए स्वामी सानंद के उद्देश्य से अपनी सहमति जताई है और उम्मीद जताई कि जितनी जल्द हो सके इस पर फैसला होना चाहिए। गंगा की अविरलता और स्वच्छता पर विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि मोदी जी नमामि गंगे की परियोजना इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए बनाई गई है, जिसमे देर ही सकती है किंतु गंगा स्वच्छता की दिशा में बेहतरीन परिणाम सामने आएंगे।