-नदीम परवेज़ धारचूला
कैलाश मानसरोवर के प्रवेश द्वार तवाघाट में मानसरोवर वन आश्रम में महामंडलेश्वर स्वामी विरेन्दरा नन्द महाराज के द्वारा नवमी में कन्या पूजन के साथ नवरात्रि के कार्यक्रम किये गये हवन पूजन के साथ सभी कन्याओ की पूजन, भैरव पूजन ,व छिपला केदार,हुस्कर की भी पुजा की गयी | सभी गांववासी इस आयोजन में बढ़-चढ़ कर भागिदारी कर रहे हे । उक्त आश्रम तवाघाट संगम में स्थल में एक वर्ष पूर्व आश्रम के रूप में स्थापित किया गया था जो सनातन धर्म के लिए धारचूला के तवाघाट में अनुठी पहल है । पुजा हवन के उपरांत भंडारा किया गया लोगों को फलाहार वह गमछे पहनाकर स्वागत भी किया गया ।इस तरह के आयोजन धारचूला में महामंडलेश्वर स्वामी द्वारा ही किये जा रहें हैं ।सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का नितांत संदेश आश्रम के माध्यम से दिया जा रहा है ।
महामंडलेश्वर स्वामी विरेन्दान्नद महाराज ने कहा की हम सीमांत गांव के लोग हैं ।
सीमा के प्रहरी के रूप में नेपाल चायना, तिब्बत बोर्डर में प्रतिवर्ष यह समागम हम करते है ।ओर हम सन्देश देना चाहते हैं जो भारत में रहता है वो भारत का नागरिक है सभी देवी देवताओं को हम यहां पुजते है । इसलिए आज यह आयोजन किया गया है हम वर्षों से इस तरह के धार्मिक आयोजन अपनी जन्मभूमि में करते आ रहे हैं ।
महामंडलेश्वर स्वामी जी का प्रथम आगमन था महामंडलेश्वर बनने के बाद लोगों में काफी प्रसन्नता दिखाई देरही थी ।लोग म
महाराज की भी जय-जय कार कर रहे थे
छिपला केदार,हुस्कर सभी दुर्गा के रुप है और हम प्रतिवर्ष यह उत्सव मनातें है ।
