महाभारत युग की कथा का दृष्टांत लेकर आपदा के मेघों की गर्जना से डरे ग्रामीणों को एक बार फिर से गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की नसीहत दी गयी, भले ही देवराज इंद्र अपनी नाराजी दिखाते रहे ।
उत्तरकाशी जिले में मोरी ब्लॉक की बड़ी आपदा में डीएम उत्तरकाशी खुद कमान संभालकर पुनर्निर्माण की दिशा में अग्रसर है तो मुख्यालय से लगे गाँव की आपदा को छोटी आपदा मॉन किसी ने भी इस तरफ ध्यान देंने की जरूरत नही समझी। सड़क संपर्क के साथ पैदल मार्ग बहने से दिलसौड़ और चामकोट के ग्रामीण अपने ही घरों में कैद हो कर रह गए है। हालात ये है कि बच्चे स्कूल तक नही जा पा रहे है। सत्ता और सरकार ने जब अनसुनी कर दी तो पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने मौके पर ही संबंधित विभागों की क्लास ले डाली, और तत्काल संपर्क मार्ग निर्माण सुरु करने के निर्देश दिए।
गिरीश गैरोला।

उत्तरकाशी में पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि से जनपद मुख्यालय के नजदीकी गांव दिलशौड़ और चामकोट में सड़क मार्ग के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, गांव से आने वाले स्कूली बच्चे और अन्य जरूरी वस्तुओं को लाने के लिए ग्रामीणों को काफी मशक्क़त करनी पड़ रही है।

ग्रामीणों का दुःख, दर्द सुनकर पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण आज जब ग्रामीण महिलाओं के बीच पहुंचे तो ग्रामीणों द्वारा अतिवृष्टि के इतने दिनों बाद भी किसी सक्षम अधिकारी और चुने हुए जनप्रतिनिधि द्वारा इनकी सुध तक नही लेने की शिकायत की गयी। ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि पूर्व सरकार में स्वीकृत दिलसौड़ एवं चामकोट पूल का कार्य अभी तक शुरू न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। सड़क मार्ग के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने का भी संकट उत्पन्न हो गया है। इस मौके पर पूर्व विधायक सजवाण जी ने SDM भटवाड़ी, आपदा प्रबंधन से संपर्क कर अधीक्षण अभियंता PWD जे0पी0 गुप्त के साथ मौके पर ग्रामीणों की गंभीर समस्या को देखते हुए अबिलम्ब सड़क निर्माण एवं पैदल आवाजाही को दुरुस्त करने के साथ वैकल्पिक ट्रॉली की व्यवस्था अबिलम्ब सुनिश्चित करने की बात कही। इसके अलावा उन्होंने पिछली सरकार में स्वीकृत दोनों पुलों का निर्माण शुरू करने की भी बात कही।
इस अवसर पर PWD के अधीक्षण अभियंता श्री जे0 पी0 गुप्त, निवर्तमान प्रधान दिलशौड श्री विजयपाल महर, महिला मंगल दल अध्यक्षा श्रीमती रजमा देवी सहित गांव की महिलाएं एवं सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।

