बद्रीनाथ की भूमि चमोली जिले में इंद्र देव भक्तों के धैर्य के परीक्षा ले रहे है। मानसून काल के बाद सितंबर महोने में चार धाम यात्रा एक फिर से सुरु होती है और आस्था पथ पर जयकारों के साथ आगे बढ़ रहे भक्तों की परीक्षा ले रहे इंद्र देव की जिद के सामने सीमा सड़क संगठन की पूरी टीम कृष्ण के गोवर्धन पर्वत की तरह ढाल बनकर खड़ी हो गयी है।पिछले शनिवार रात को भारी वर्षा के बाद जोशीमठ – माना सड़क मार्ग पर पाण्डुकेस्वर के पास बदल फटने की घटना के बाद बद्रीनाथ धाम सड़क चार स्थानोंपर बिल्कुल वाश आउट हो गयी और बाकी सड़क पर लैंडस्लाइड से मलवा पसर गया। सड़क की हालत आईडी थी कि एक सप्ताह से पूर्व मार्ग खुलने की कोई संभावना नही थी।प्रोजेक्ट शिवालिक के चीफ इंजीनियर ऐ एस राठौड़ बीएसएम की लीडरशिप में बीआरओ की टीम ने एक सप्ताह के काम को एक ही दिन में पूर्ण कर भक्तों के मार्ग में आई रोक को झटके से हटा दिया।
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