उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री विधान सभा से बीजेपी मे टिकट के प्रबल दावेदारों मे से एक सुरेश चौहान है |
सुरेश चौहान वर्ष 1993 मे महाविध्यालय छात्र परिषद मे सह सचिव रहे साथ ही नाल्ड कठुड पट्टी मे विकास संघर्ष समिति के माध्यम से संघर्षशील रहे । वर्ष 2003 मे बीडीसी चुने गए और वर्ष 2008 तक भटवाड़ी व्लौक मे प्रमुख की ज़िम्मेदारी संभाली .
वर्ष 2008 से वर्ष 2012 तक नाल्ड कठुड क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य चुने गए किन्तु जिला पंचायत अध्यक्ष की दौड़ मे बहुत कम मतो के अंतर से चूक गए ।
वर्ष 2012 के विधान सभा चुनाव मे कॉंग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ा और करीब सात हजार मत प्राप्त किए |
वर्ष 2016 मे देश की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के प्रयासो से बीजेपी मे सामिल हुए |
वर्ष 2018 मे बीजेपी प्रदेश कार्य समिति मे नामित सदस्य चुने गए ।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव मे मुख्य प्रचारक की भूमिका निभाई |
खास बात ये है कि कॉंग्रेस पार्टी मे रहते हुए वर्ष 1992 मे मनेरी आश्रम मे आरएसएस प्रचारक डॉ नित्यानन्द के समपर्क मे आकर सुरेश चौहान ने आरएसएस की शाखा जॉइन की , इस लिहाज से वे खुद की संघ आयु 29 वर्ष बताते है जबकि वे बीजेपी मे वर्ष 2016 मे सामिल हुए है |
एक बार ब्लौक प्रमुख और एक बार जिला पंचायत सदस्य रहते हुए ग्रामीण इलाके मे जमीनी पकड़ मानी जाती है | सरल स्वभाव के सुरेश चौहान मानते है कि एक लंबे अंतराल से जनता परिवर्तन चाहती है जिसके लिए वे खुद को बेहतर विकल्प बताते है |
दरअसल अभी तक गंगोत्री कि जनता बारी बारी से बीजेपी और काँग्रेस के सिर्फ एक ही दावेदारों को बार बार चुनती आ रही थी और दोनों ही दलो मे दूसरी पंक्ति के नेताओ को पनपने का मौका नहीं मिला . गंगोत्री कि जनता ने हर बार खुस होकर नहीं बल्कि नाराज होकर ऐसे प्रत्यासी को वोट किया जो उनकी नाराजी को दूर कर सके अर्थात सरकार के खिलाफ वोट दिया | इस बार गंगोत्री के विधायक गोपाल रावत के असमय निधन से सरकार के खिलाफ नाराजी भी जाती रही. ऐसे मे वोट किस मानसिकता पर पड़ेगा यह देखना दिलचस्प होगा . गंगोत्री मे टिकट कि दावेदारी के लिए कॉंग्रेस से विजयपाल सजवान के अलावा किसी अन्य ने चाहकर भी आवेदन नहीं किया जबकि इस परंपरा को तोड़ते हुए सुरेश चौहान ने निर्दलीय चुनाव लड़ने कि हिम्मत दिखाई . ऐसे मे खुद को कॉंग्रेस के पूर्व विधायक के टक्कर का मानकर सुरेश इस बार गंगोत्री मे बीजेपी से टिकट की मांग कर रहे है . हालांकि राज्य निर्माण के बाद पहली बार गंगोत्री मे त्रिकोणीय मुक़ाबले की बात कही जा रही है किन्तु दोनों ही दल बीजेपी और कॉंग्रेस इसको बहुत ही हल्के मे लेकर चल रहे है जबकि आम आदमी पार्टी गंगोत्री से अपने सबसे हैवी वेट कैंडीडेट सीएम के दावेदार कर्नल अजय कोठियाल को उतारने जा रही है | अजय कोठियाल को आम आदमी पार्टी ने प्रदेश के अन्य 69 विधानसभाओ मे झोंक रखा है लिहाजा दोनों बड़े दल सुकून के साथ अपनी जीत का दावा कर रहे है .