हरिद्वार। प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर हाईकोर्ट की ओर से जारी निर्देशों का पालन कराने के लिए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने सिडकुल के उद्योगों को नोटिस जारी किया है।
जिसमें पीसीबी में एक्सटेंडेट प्रोड्यूसर्स रेस्पांसिब्लिटी (ईपीआर) एक्शन प्लान जमा कराने वाली पांच इकाईयों को छोड़कर अन्य इकाईयों की संचालन सहमति तत्काल प्रभाव से निरस्त की गयी है। इधर नोटिस पर संज्ञान लेते हुए इंडस्ट्रीज एसोसिएशन हरिद्वार ने विस्तार से चर्चा कर कार्ययोजना तैयार की।प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अंतर्गत पैकेजिंग प्लास्टिक का उपयोग करने वाले उद्योगों को ईपीआर के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से विकसित पोर्टल में पंजीकरण कराने को अनिवार्य किया गया है। साथ ही ईपीआर एक्शन प्लान जमा कराने की भी अनिवार्यता है।
उत्तराखंड पीसीबी के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि दो दिसंबर तक स्टेट पीसीबी की ओर से कुल 75 और केंद्रीहिंदुस्तान यूनिलीवर, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड समेत पांच इकाईयों की ओर से ईपीआर एक्शन प्लान स्टेट पीसीबी में जमा किया गया है। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 और उच्च न्यायालय उत्तराखंड के पीआइएल में पारित आदेशों का अनुपालन न किए जाने के कारण पांच इकाईयों को छोड़कर अन्य इकाईयों का संचालन सहमति तत्काल प्रभाव से निरस्त की गयी है। आदेश में बताया गया है कि बिना संचालनार्थ सहमति प्राप्त किए इकाईयों का संचालन विधि विरुद्ध और उच्च न्यायालय उत्तराखंड के आदेशों की अवमानना होगी। इधर बोर्ड के नोटिस पर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन हरिद्वार ने संज्ञान लिया है।य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से कुल 1654 इकाईयों की ओर से पंजीकरण कराया गया है।