देहरादून। कांग्रेस पार्टी द्वारा 26 जनवरी से देशभर में चलाये जाने वाले हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की पूर्व संध्या पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय देहरादून में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव एवं कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य मोहन प्रकाश एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार विश्व के सबसे युवा देश के युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं दे पाई। देश के प्रत्येक परिवार को महंगाई की आग में झोंक दिया। किसानों की आमदनी दोगुनी करने का कोरा झांसा दिया गया। समाज के पिछड़े, दलित, आदिवासी वर्गों को तरक्की का पर्याप्त अवसर नहीं दिया। अवसर बस अपने धन्ना सेठ दोस्तों के लिए सृजित किये गये और इन सब नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए भारत को नफरत, निराशा और नकारात्मकता के दलदल में धकेल दिया।
आज भारत को हर स्तर पर तोड़ा जा रहा है और देश के संसाधनों का रूख मुट्ठीभर लोगों की ओर मोड़ा जा रहा है। इसलिए राहुल गांधी जी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भाजपाई सत्ता की नफरत, पिराशा और नकारात्मकता की जड़ता को तोड़ रहे हैं और भारत को जोड़ रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा में लाखों-करोड़ों लोग पैदल चल रहे हैं। कन्याकुमारी से शुरू हुई यह पद यात्रा अब जम्मू पहुंच गई है और 3900 किलोमीटर लम्बी यात्रा का आज 131वां दिन है। अब कांग्रेस पार्टी इस भारत जोड़ो अभियान को और अधिक व्यापकता प्रदान करने के लिए समूचे देश में 26 जनवरी से 26 मार्च तक एक जन संवाद कार्यक्रम ‘‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान’’ चलाएगी जिसका नेतृत्व ब्लाॅक कांग्रेस कमेटियां करेंगी। इस अभियान के तहत भारत के 6 लाख गांवों, 2.50 लाख ग्राम पंचायतों और 10 लाख मतदान बूथों तक पहुंचकर राहुल गांधी का संदेश और मोदी सरकार की नाकामियों की चार्जशीट हर घर तक पहुंचाई जाएगी।
कहा कि मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है, महंगाई से देश के नागरिकों की कमर टूटती जा रही है। 2014 में जो गैस का सिलेंडर 410 रू0 का था, आज 1050 रू0 के पार है। पेट्रोल के दाम 70रू. प्रति लीटर से बढ़कर 100 रू0 प्रति लीटर के पार हो गए हैं, जबकि डीजल के दाम 55 रू0 प्रति लीटर से बढ़कर 90 रू0 प्रति लीटर के करीब पहुंच गये हैं। खाने के तेल और दाल की कीमत 70 रू0 प्रति किलो थी, वह 200 रू0 प्रति किलो को पार कर गई है। इतना ही नहीं बीते दिनों जीएसटी की बर्बर मार से दही, पनीर, लस्सी, आटा, सूखा सोयाबीन, मटर व मुरमुरे भी बच नहीं सके, उन पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया। होटल के 1000 रू0 के कमरे पर 12 प्रतिशत जीएसटी, अस्पताल के आईसीयू बैड पर 5 प्रतिशत जीएसटी, जीने के लिए सभी आवश्यक चीजों पर जीएसटी लगाकर चैन नहीं मिला तो श्मशान घाट के निर्माण पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड आॅयल की कीमतें लगातार घट रही हैं मगर मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं कर रही हैं। बीते 8 सालों में पेट्रोलियम प्रोडक्टस् पर कर लगाकर 29 लाख करोड़ रूपए जनता की जेब से निकले गए हैं।
हाल ही में आई ऑक्सफैम की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के 5 प्रतिशत अमीर लोगों के पास देश की 60 प्रतिशत से ज्यादा संपत्ति है और नीचे के 50 प्रतिशत लोगों के पास देश की मात्र 3 प्रतिशत सम्पत्ति। विडंबना यह है कि नीचे के इन 50 प्रतिशत लोगों की जीएसटी में हिस्सेदारी 64 प्रतिशत है और ऊपर के 10 प्रतिशत लोगों की जीएसटी में हिस्सेदारी केवल 3 प्रतिशत है जबकि उनके पास देश की 70-80 प्रतिशत सम्पत्ति है।
आॅक्सफैम’ की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी की विभीषिका में भी देश के 100 बड़े पूंजीपतियों ने 13 लाख करोड़ रूपए कमाए पर 12 करोड़ मेहनतकश लोगों ने अपना रोजगार खो दिया। मोदी जी के कई मित्रों की आय तो 1000 करोड़ प्रतिदिन बढ़ रही है। महामारी की विभीषिका में 84 करोड़ लोगों की आमदनी घट गई लेकिन सरकार की मेहरबानी धन्नासेठों पर रही। उनका 10 लाख करोड़ रूपए से अधिक का बैंक कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया गया। मोदी सरकार की सरपरस्ती में 5,35,000 करोड़ रूपए के बैंक फ्राॅड हुए और नियोजित रूप से विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोक्सी, ऋषि अग्रवाल और संदेसरा बंधु जैसे कई लोगों को देश से भगा दिया गया।आजादी के बाद से मई 2014 तक देश पर कुल कर्ज 55 लाख करोड़ रूपए था जो मोदी सरकार के बीते 8 साल के कार्यकाल में बढ़कर 155 लाख करोड़ रूपए हो गया है। हाल में आई ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स’ रिपोर्ट ने बताया कि भारत में भुखमरी के हालात ये हैं कि हम पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से पिछड़ गये हैं। 116 देशों की सूची में हमारा देश 101वें पायदान पर लुढक गया है। प्रेस वार्ता में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, मथुरा दत्त जोशी, पूर्व मंत्री नवप्रभात, सूर्यकांत धस्माना, पीके अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।