गंगोत्री और यमनोत्री के मायके उत्तरकाशी के प्रवेश द्वार पर ही कूड़े का ढेर न सिर्फ गंगा भागीरथी को प्रदूषित कर रहा है बल्कि कूड़े की बदबू से आसपास के लोगो का रहना भी मुसकिल हो गया है । नगर पालिका चुनाव से पहले सभी दावेदारों ने कूड़े की समस्या को बेहद मामूली बताया था किन्तु पालिका का कार्यकाल अब समाप्त होने को है और तक भी कूड़ा जी का जंजाल बना हुआ है हालांकि अब नए ईओ शिव कुमार चौहान के आने के बाद 73 लाख रुपये मे कूड़े के ढेर को हटाने का टेंडर हुआ है लेकिन हटाने के लिए जो जगह प्रस्तावित है उस पर अभी भी विवाद चल रहा है ऐसे मे इस बार का टेंडर भी सफल हो ही जाएगा कहना जल्दबाज़ी होगी
चलिये एक नजर डाल लेते है की अभी तक कूड़े के खेल मे पालिका ने कैसे कैसे खर्च को अंजाम दिया है
(उत्तरकाशी) नगर पालिका जो बाड़ाहाट के नाम से जानी जाती है में सबसे विकराल समस्या कूड़ा निस्तारण की है जो शहर के आवो हवा के साथ भागीरथी (गंगा) भी प्रदूषित कर रही है। पिछले चार वर्षों में कूड़े की समस्या के समाधान के नाम नगर पालिका ने पैसे पानी की तरह बहाए। केवल कूड़ा निस्तारण पर नगर पालिका ने करीब साढ़े पांच करोड़ खर्च किए हैं। जबकि सफाई कर्मचारियों की वेतन और मानदेय अलग हैं। परंतु कूड़ा निस्तारण की समस्या आज भी वहीं की वहीं खड़ी है। जहां चार वर्ष पहले थी। भागीरथी के किनारे तांबाखाणी के पास कूड़े का पहाड़ खड़ा है। वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर जैविक अजैविक कूड़ा गड्ढों में दबाया जा रहा है।
सूचना के अधिकार में नगर पालिका से कूड़ा निस्तारण के संबंध में जो सूचनाएं मिली हैं वह भी काफी चौंकाने वाली हैं।
नगर पालिका के अनुसार जीरो वेस्ट कंपनी को पिछले तीन वर्षों के अंतराल में नगर पालिका ने ढाई करोड़ से अधिक का भुगतान किया है।
अनुबंध के अनुसार जीरो वेस्ट कंपनी को कूड़ा वाहनों में ईधन की व्यवस्था खुद ही करनी थी। परंतु पालिका ने कूड़ा निस्तारण व्यवस्था में लगे वाहनों और जेसीबी पर के डीजल पर करीब 57 लाख रुपये खर्च किए
पालिका ने यह भी बताया कि जेसीबी मशीन जिला प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई गई है।
तांबाखाणी के पास सुरंग के बाहर वाले मार्ग पर जो कूड़े का ढेर लगाया है। उसके दोनों ओर पालिका चद्दर के गेट बनाए हैं।
इस पर पालिका ने 14 लाख से अधिक की धनराशि खर्च की है। पालिका करीब 32 लाख रुपये कम्पैक्टर मशीन, किलवेस्ट मशीन और बायोरेमिडेशन मशीन पर खर्च किए। जो संचालित नहीं हैं। तीन वर्ष के अंतराल में पालिका ने तांबाखाणी सुरंग के बाहर से कूड़ा हटाने पर ट्रक ढूलान में करीब साढ़े दस लाख रुपये खर्च किए। स्वच्छता के लिए नमामि गंगे परियोजना से भी 2.32 लाख रुपये की धनराशि आई, उसको भी पालिका ने कूड़ा निस्तारण में खर्च कर डाला
पालिका उत्तरकाशी के नए ईओ शिव कुमार चौहान से ही जन लेते है कि इस बार कूदे कि बदबू से नगर कि निजात मिलेगी भी या नहीं और मौलेगी तो कैसे