घर मे जरूर लगाएं तुलसी का पौधा-संत दुर्गेश आचार्य।
कथा को बताया जीवंत विज्ञान- जीवन की मार्गदर्शक।
गिरीश गैरोला
ओंम विश्व शांति एवं सदभावना धाम , डांग उत्तरकाशी के आश्रम में सावन माह की कथा प्रवचन करते हुए संत दुर्गेश महाराज ने बताया कि आज के दौर में इंसान एकाकी हो गया है। पुराने समय मे संयुक्त परिवार में रहते हुए समस्याओं का समाधान घर परिवार के बड़े बुजुर्ग अपने लंबे जीवन के अनुभवों के आधार पर कर देते थे किन्तु आज के बदले हुए दौर में कथा ही इंसान का मार्गदर्शन करती है । कथा उसे समझाती है कि कैसे संसार मे व्यवहार करना है ।
जब कभी इंसान किसी समस्या में फंस जाए और कोई निर्णय न ले सके तो कथा उसे मार्ग बताती है। भागवत कथा का कोई न कोई अध्याय हमारी समस्यायों का समाधान लेकर आता है जरूरत है तो उस पर मनन करने की। उन्होंने बताया कि हर इंसान को ईश्वर ने किसी खास प्रयोजन के लिए पैदा किया है । जो भी संत आपको आपके जीवन का प्रयोजन समझा दे वही सच्चा सदगुरू है।
संत दुर्गेश महाराज ने कहा कि धर्म मे बहुत बातें लिखी है किंतु आजकल इंसान गाँव के खुले वातावरण को छोड़ कर नगर के तंग माहौल में आ गया है वहाँ पर धर्म के नाम पर कम से कम एक तुलसी का पेड़ जरूर गमले में उगाए। यह दवा भी है और विज्ञान भी । शुद्ध ऑक्सीजन का भंडार भी है और वास्तु दोष समेत सभी अदृश्य शक्तियों को भी नियंत्रित करती है। माँ लक्ष्मी के रूप में तुलसी हमारे घर के पूर्व – उत्तर में पलेगी तो गंगा सफाई अभियान में भी सहायक होगी क्योंकि एक बार श्राप के चलते ही गंगा और सरस्वती को ही जल रूप में आना पड़ा था जो भगवानी विष्णु की पत्नियां है।
कथा के दौरान भजन संध्या में पंडाल में मौजूद महिलाएं सुध बुध खोकर नृत्य करती हुई दिखाई दी।