डीएम का छापा – महीने से नदारद मिले अभियंता – विकास के 16 पुलों के टेंडर लंबित

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उत्तरकाशी

सीमांत जिले के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार जितनी संवेदनशीलता से लगी है उसे इंजीनियरिंग विभाग के अभियंता पलीता लगा रहे है। वर्ड बैंक के लोन से प्रदेश में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए जिस विभाग के पास 16 महत्वपुर्ण पुलों के निर्माण की जिम्मेदारी है वे खुद को सरकारी दामाद समझ घर से आफिस चला रहे है, पहले एक महीने उपार्जित अवकाश लिया कोई चेकिंग पर पूछने वाला नही आया तो फिर फॉर्मेलिटी के लिए छुट्टी का अवकाश प्राथना पत्र देना भी मुनासिब नही समझा ।

अब सभी सरकारी दामाद एक से तो नही होते देर से ही सही साडू दामाद ने अंगड़ाई ली तो बाकी के विभागों की फाइल की धूल पोंछनि पड़ गयी , देखना ये होगा कि कमिसन देने और लेने के अभ्यस्त हो चुके ये विभाग क्या फिर कमिसन देकर इस मामले रफा दफा करवाते है या जीरो टॉलरेंस की सरकार इनका मूल्यांकन करेगी, फिलहाल फर्राटा दौड़ में माहिर इस नौजवान ऑफीसर ने अपनी कलम तो चला ही दी है ।

गिरीश गैरोला।


जिलाधिकारी डा0 आषीश चौहान ने वर्ल्ड बैंक कार्यालय का आज प्रातः औचक निरीक्षण किया । जिलाधिकारी ने उपस्थिति पंजिका का निरीक्षण किया जिसमें अधिषासी अभियन्ता 30 अक्टूबर से 25 नवम्बर तक उपार्जित अवकाष में तथा उसके उपरान्त आतिथि तक अनुपस्थित पाया गया । जिस पर जिलाधिकारी ने अधिषासी अभियन्ता के खिलाफ उनके उच्च अधिकारी को अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु लिखने को कहा गया । वहीं जिन अधिषासी अभियन्ता वर्ल्ड बैंक को जनपद का कार्यभार दिया गया था वो भी उस तिथि से आतिथि तक कार्यालय में नदारत पाये गये । 
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में समेकित विकास के लिये वर्ल्ड बैंक के पास 16 पुलों के निर्माण कार्यों का जिम्मेदारी है , जिनके समय पर टेण्डर सहित अन्य जरूरी कार्य होने है, ऐसी स्थिति में अधिषासी अभियन्ता एंवम उनके अधीनस्थ कार्मिकों के कार्यालय में अनुपस्थित रहने पर विकास कार्यों में शिथिलता बरती गयी है जो घोर लापरवाही का घोतक है ।

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