देहरादून। धोखाधडी के मामले में फरार चल रहे बीस हजार के ईनामी को एसओजी व पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया। शातिर ने नजीबाबाद में 42 लाख व सहारनपुर में भी ठगी की घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने उसको न्यायालय में पेश किया जहां से उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
इसकी जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक नगर श्रीमती सरिता डोभाल ने बताया कि वांछित/इनामी लोगों की गिरफ्तारी हेतु प्राप्त आदेश-निर्देशों से सभी अधिनस्थों को अवगत कराते हुए प्रभारी निरीक्षक थाना बसन्त विहार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि 13 जनवरी 23 को श्रीमती उषा शर्मा द्वारा बसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि अब्दुल सत्तार एवं रईस आदि द्वारा बैंक लोन दिलाने के नाम पर उनके पति की भूमि की पावर ऑफ अटॉर्नी अपने नाम कराकर उसे अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जी कागजात बनाकर धोखाधड़ी से किसी अन्य व्यक्ति को बेच दी है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने अब्दुल सत्तार 20 हजार रूपये का इनामी वांछित चल रहा था को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। उक्त मुकदमे में रईस लगातार फरार चल रहा थ जिस पर 20 हजार रूपये का इनाम रखा गया था। वांछित चल रहे रईस की गिरफ्तारी हेतु पुलिस व एसओजी की संयुक्त टीम द्वारा लगातार उसके सम्भावित स्थानों पर दबिश दी जा रही थी तथा इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के माध्यम से भी उसके सम्भावित स्थानों पर लगातार सतर्क दृष्टि रखी हुई थी। 23 जुलाई 23 को द्वारा रईस के आईएसबीटी क्षेत्र में होने के सम्बन्ध में सूचना प्रदान की गयी। जिस पर बसन्त विहार पुलिस एवं एसओजी की संयुक्त टीम द्वारा आईएसबीटी के पास से चैकिंग के दौरान रईस को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि फरारी के दौरान रईस नजीबाबाद व सहारनपुर आदि शहरों में रहा। उन्होंने बताया कि रईस ने नजीबाबाद में 42 लाख रूपये की ठगी को अंजाम दिया तथा सहारनपुर में इसने लाखों की धोखाधडी की है। पुलिस ने उसको न्यायालय में पेश किया जहां से उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।