टिहरी। ऑल वेदर सड़क कटिंग से ध्वस्त पैदल रास्तों के एक साल बाद भी नहीं बनने से पाली गांव के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण जोखिम उठाकर आवाजाही करने को मजबूर हैं। पैदल रास्ते खराब होने के कारण ग्रामीण कई बार गिरकर चोटिल हो चुके हैं। बीते दिनों खस्ताहल रास्ते से गिरकर एक ग्रामीण का पैर फैक्चर हो गया। रास्तों के खराब होने के कारण उन्हें इलाज के लिए भी नहीं ले जाया जा सका।
देवप्रयाग से पांच किमी दूर महड़ ग्राम पंचायत के पाली गांव के लगभग तीस परिवारों का जीवन आल वेदर सड़क कटिंग के बाद से मुश्किल भरा बना है। राजमार्ग से पाली गांव तक जाने वाले दोनों रास्ते ऑल वेदर कटिंग से पूरी तरह ध्वस्त होने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ी हैं। रोजमर्रा की जरूरतों के लिए काफी जोखिम उठाकर ग्रामीण किसी तरह देवप्रयाग तक आवाजाही करने को मजबूर हैं। छात्र-छात्राओं सहित महिलाऐं और बुजुर्ग कई बार खस्तहाल मार्ग पर गिरकर चोटिल हो चुके हैं। बारिश के दिनों में उक्त रास्ते पर चलना दूभर हो जाता है। बीमार व्यक्ति को सड़क तक लाना जोखिम भर बना रहता है। ग्राम प्रधान होशियार सिंह ने बताया कि बीते वर्ष मार्च में महड़ गांव में लगे क्यूआरटी कैंप में उक्त मामले को रखा गया था, जिसके बाद तहसीलदार देवप्रयाग व एनएच के जेई द्वारा उक्त पैदल रास्तों का निरीक्षण किया। मगर रास्तों के निर्माण को लेकर कोई कार्यवाही नहीं हुई। काबिना मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक विनोद कंडारी ने भी एनएच को इस बाबत निर्देश दिये, लेकिन समस्या का समाधन नहीं हो पाया। रास्ते से गिरकर पैर टूटने से घायल रमेश सिंह का कहना है कि ध्वस्त रास्तों के कारण वह घर में ही इलाज करने को मजबूर हैं। डॉक्टर भी रास्ता नहीं होने से पाली गांव में आने को तैयार नहीं है। बताया वह घर में अकेला कमाने वाले हैं। एनएच के रवैये से पाली गांव के लोगों का जीवन दिक्कतों भरा बन चुका है।