“विकसित भारत 2047” की दिशा में उत्तराखंड ने बढ़ाया कदम: मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिव समिति की अहम बैठक सम्पन्न
📍 देहरादून | Meru Raibar News
उत्तराखंड में विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिव समिति की एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

🗣️ विकसित जनपद, विकसित शहर, विकसित ग्राम की परिकल्पना को मूर्त रूप देने की दिशा में बात करते हुए मुख्य सचिव ने कहा, “हर जिले को अगले दस वर्षों के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने होंगे और एक स्थान को वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित करने की दिशा में तत्काल काम शुरू किया जाए।”
🔍 प्रमुख बिंदु:
✅ कोविड अपडेट पर चर्चा:
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने राज्य में कोविड संक्रमण की स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी।
✅ प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण पर फोकस:
मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भाषण की मुख्य बातों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “विकसित भारत 2047” केवल नारा नहीं, बल्कि मिशन है।
✅ स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा:
राज्य में बने उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने और स्वदेशी वस्तुओं को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग विभाग को योजना तैयार करने के निर्देश।
✅ तकनीकी युग में कदमताल:
ई-गवर्नेंस, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, और नई तकनीकों को शिक्षा व कौशल विकास से जोड़ने की जरूरत पर बल।
✅ संस्कृति संरक्षण:
पांडुलिपियों के डिजिटाइजेशन और संरक्षण के लिए संस्कृति विभाग को निर्देश।
✅ वैदिक गणित को बढ़ावा:
बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभागों को वैदिक गणित को शिक्षा में शामिल करने के निर्देश।
✅ साइबर सुरक्षा को मजबूती:
राज्य में State Computer Emergency Response Team (CERT) के गठन की बात दोहराई।
✅ 5 जून: पर्यावरण दिवस विशेष अभियान:
‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को राज्यभर में भव्य रूप से मनाने के निर्देश। इसकी जिम्मेदारी प्रमुख सचिव वन श्री आर.के. सुधांशु को सौंपी गई।
👥 उपस्थित अधिकारीगण:
बैठक में वरिष्ठ अधिकारीगण जैसे प्रमुख सचिव श्री एल. फैनई, श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, श्री शैलेश बगोली, श्री दिलीप जावलकर, डॉ. वी. षणमुगम, डॉ. नीरज खैरवाल, श्री दीपक रावत, श्री रविनाथ रमन, और अन्य अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
📌 Meru Raibar की राय:
उत्तराखंड सरकार की यह पहल राज्य के समावेशी और तकनीकी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। यदि योजनाएं ज़मीनी स्तर तक प्रभावी रूप से लागू होती हैं, तो “विकसित भारत 2047” का सपना उत्तराखंड से ही गति पकड़ सकता है।
