देहरादून। आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह के घर पर केंद्र सरकार के दबाव में ई डी की रेड शुरू हुई, लेकिन 10 घंटे की जांच के बाद सांसद संजय सिंह के घर पर ई डी कुछ भी ऐसा बरामद नहीं कर पाई जो संजय सिंह के खिलाफ सबूत बन सके। फिर भी संजय सिंह को जिस तरह से बिना सबूत के गिरफ्तार किया गया वह पूरी तरह से अनैतिक और कानून का मजाक बनाने जैसा है। इस से पहले विगत संसद के सत्र में वेल में जाकर अपनी बात कहने पर उनका निलंबन किया गया जो कि एक सोची समझी साजिस दिखाई देता है। इस से पहले ऐसी ही दबिश मनीष सिसोदिया के घर पर भी डाली गई उनके घर में कुछ भी ऐसा नहीं मिला जिस से उनके खिलाफ सबूत कहा जा सके तो फिर उनके खिलाफ गवाह बनाकर उनको जैल में डाला गया। अब अगले टारगेट संजय सिंह को गिरफ्तार करके आम आदमी की आवाज दबाने की नाकाम कोशिश फिर से की गई है।
विगत 11 सालों में संजय सिंह को आम आदमी पार्टी में संगठन स्तर पर अनेकों चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियाँ मिली जिनको उन्होंने बाखूबी निभाया। उनके समर्पण को देखते हुए अरविन्द केजरिवाल ने 2018 में संजय सिंह को दिल्ली से राज्य सभा में भेजा। सांसद के रूप में इन 5 सालों में उन्होंने हर संसद सत्र में अपने तर्कपूर्ण, ओजस्वी उद्बोधन से अपनी छाप छोड़ी। संसद के बाहर भी संजय सिंह पार्टी की मजबूत ढाल साबित हुए, उन्होंने कठिन से कठिन समय में बहुत मजबूती से मीडिया के माध्यम से जनता के सामने पार्टी का पक्ष रखने के अलावा कोई मौका नहीं चूक जब भाजपा के जनविरोधी कारनामों को उजागर न किया हो। टीवी डिबेट में संजय सिंह भाजपा प्रवक्ताओं को जिस तरह से लाजबाब करते हैं, भाजपा सरकार की नाकामियों को उजागर करते है, भाजपा के काले कारनामों का पर्दा फाश करते हैं उससे परेशान भाजपा ने ई डी को हथियार बनाकर गिरफ्तार किया है। लेकिन जालिम का जोर कब तक चलेगा यह देखना बाकी है। आम आदमी पार्टी का कोई सिपाही इस तरह के हथकंडों से डरेगा नहीं। हम सब संजय सिंह के साथ है।