भट्ट बोले – जयहिंद सभा नहीं, कांग्रेस का मंच बना विरोध की स्क्रिप्ट

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“जयहिंद सभा के नाम पर कांग्रेस का राजनीतिक मंच शर्मनाक” – महेंद्र भट्ट का कांग्रेस पर तीखा हमला

देहरादून | Meru Raibar संवाददाता
उत्तराखंड की सियासत में एक बार फिर से गर्माहट आ गई है। हल्द्वानी में आयोजित ‘जयहिंद सभा’ को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर करारा प्रहार किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्री महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर देशभक्ति के नाम पर सस्ती राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, “देश की सेना और शौर्य के नाम पर मंच सजाकर, मोदी सरकार और विदेश नीति पर अनर्गल आरोप लगाना बेहद शर्मनाक है।”


देशभक्ति या मंच पर मोदी-विरोध?

भट्ट ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की जयहिंद सभा में एक भी नेता ने सेना के सम्मान में एक शब्द नहीं कहा, जबकि पूरा देश ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर गर्व कर रहा है। उन्होंने कहा, जिस मंच को सैनिक सम्मान के नाम पर आयोजित किया गया, वहां पूरी कांग्रेस नेतृत्व सिर्फ मोदी सरकार पर प्रहार करने और विदेश नीति को असफल साबित करने में जुटा रहा।”


“जनता सब समझती है, कांग्रेस की सियासत बेनकाब है”

महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते हुए कहा,

“2014 के बाद से कांग्रेस पूरी तरह मुद्दाविहीन हो गई है। न विचार बचे हैं, न दिशा। अब देशभक्ति की आड़ लेकर मंच से झूठ और भ्रम फैलाया जा रहा है, जिसे देवभूमि की राष्ट्रवादी जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी।”


जयहिंद यात्रा या ‘छद्म देशभक्ति’?

भट्ट ने कांग्रेस की ‘जयहिंद यात्रा’ को “छद्म देशभक्ति का प्रदर्शन” बताते हुए कहा कि इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक मंशा है।

“सेना का नाम लेकर सभा होती है, लेकिन मंच से पूरा समय केंद्र सरकार को घेरने और पीएम मोदी को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश होती है। इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि अपने ही देश की सैन्य रणनीति को कांग्रेस के नेता पाकिस्तानी जनरलों की भाषा में बदनाम करें?”


“देवभूमि के जवान देश के लिए शहीद, और कांग्रेस करती है राजनीति”

महेंद्र भट्ट ने भावुक होते हुए कहा,

“जब हमारे उत्तराखंडी जवान ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हो रहे हैं, तब यहां के कांग्रेसी नेता अपने आलाकमान को खुश करने के लिए देश की नीति और सेना की रणनीति पर सवाल खड़े कर रहे हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को किसी यात्रा या विचारधारा से परहेज़ नहीं, लेकिन

“देशभक्ति की भावना पर राजनीति करने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती।”


Meru Raibar की टिप्पणी:

कांग्रेस की जयहिंद सभा और भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया के बीच, उत्तराखंड की राजनीति में राष्ट्रवाद बनाम राजनीतिक स्वार्थ का नया अध्याय खुलता दिख रहा है। सवाल बड़ा है – क्या देशभक्ति अब सिर्फ एक मंच का नाम बनकर रह जाएगी, या इसके मायने फिर से जनसंवेदना से जुड़ेंगे

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