हरिद्वार | 23 मई 2025
📍 “एक धरती, एक स्वास्थ्य” – बच्चों ने योग के माध्यम से गूंजाई समरसता की पुकार
हरिद्वार में गूंजा योग का स्वर, बच्चों ने दिखाई विचारों की शक्ति
जनपद स्तरीय भाषण प्रतियोगिता में बच्चों ने रखी स्वास्थ्य और समरसता की वैश्विक सोच

हरिद्वार के सेक्टर-2 स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में शुक्रवार को एक ऐसा आयोजन हुआ जिसने न केवल मंच पर खड़े बच्चों को बल्कि पूरे जनपद को योग की व्यापकता और उसके वैश्विक महत्व की याद दिलाई। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2025 की तैयारी के तहत आयोजित जनपद स्तरीय भाषण प्रतियोगिता में “एक धरती, एक स्वास्थ्य” थीम पर बच्चों ने अपने विचारों की शक्ति से सबका मन मोहा।
नेतृत्व और मार्गदर्शन: जहां अनुभव मिला जूनून से
कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद योग दिवस नोडल अधिकारी डॉ. घनेन्द्र वशिष्ठ ने की। आयोजन में जिलाआयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. स्वास्तिक सुरेश और राष्ट्रीय आयुष मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. अवनीश उपाध्याय ने बच्चों को मार्गदर्शन देकर प्रेरित किया।

विचारों की रोशनी: जब बच्चों ने बताया – योग केवल अभ्यास नहीं, एक जीवनदर्शन है
प्रतिभागियों ने योग को केवल स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि धरती, पर्यावरण और मानवता के संतुलन से जोड़कर प्रस्तुत किया। “One Earth, One Health” की अवधारणा को समझते हुए बच्चों ने बताया कि योग एक सार्वभौमिक समाधान है — शांति का, संतुलन का और समरसता का।
प्रतियोगिता के विजेता – जब शब्दों ने छू लिया दिल
🥇 प्रथम स्थान: प्रशांत – डिवाइन लाइट स्कूल
🥈 द्वितीय स्थान: यशस्वी – सरस्वती विद्या मंदिर
🥉 तृतीय स्थान: प्रतीक्षा – सरस्वती विद्या मंदिर
विजेताओं को सम्मानित किया गया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई।
उपस्थित शिक्षकों और छात्रों ने दी योग को नई ऊंचाई
जनपदभर के 200 से अधिक छात्रों और 12+ विद्यालयों की भागीदारी ने कार्यक्रम को एक जनजागरूकता अभियान में बदल दिया। शिक्षकों ने भी बच्चों के विचारों को सराहा और योग को दैनिक जीवन में अपनाने पर बल दिया।
मुख्य अतिथि का संदेश – योग से बनेगा सशक्त समाज
प्रधानाचार्य श्री लोकेन्द्र नौटियाल ने अपने संबोधन में कहा:
“योग न केवल शरीर की चेष्टाओं को नियंत्रित करता है, बल्कि समाज को संयम, अनुशासन और आत्मबल की ओर भी ले जाता है। इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाना आज की जरूरत है।”
Meru Raibar की विशेष टिप्पणी:
जब मंच बच्चे संभालते हैं, तब विचार भी क्रांति लाते हैं।
हरिद्वार के इस आयोजन ने साबित कर दिया कि योग सिर्फ शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि एक वैश्विक चेतना है – और आने वाली पीढ़ी इस सोच को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।
Meru Raibar – जहां हर विचार को मिलता है मंच, हर आवाज़ को मिलती है गूंज।
