वन्य जीव हेल्प लाइन 1926 का सीएम ने किया लोकार्पण – वनों की सुरक्षा एवं मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने की दिशा प्रभावी पहल

Share Now

मुख्यमंत्री ने किया वन एवं वन्य जीव हेल्प लाइन 1926 का लोकार्पण

वन एवं वन्य जीवों से सम्बन्धित समस्याओं का होगा त्वरित समाधान।
मानव-वन्य जीव संघर्ष को रोकने में मिलेगी मदद।
प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों में घटित होने वाली घटनाओं की मिलेगी त्वरित जानकारी।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में वन विभाग द्वारा तैयार की गई वन एवं वन्य जीव हेल्पलाइन 1926 का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस हेल्पलाइन की शुरूआत को वनों की सुरक्षा एवं मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने की दिशा मे की गई प्रभावी पहल बताया है।
वन विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हेल्पलाइन आम जनता को वन एवं वन्य जीवों के कारण होने वाली समस्याओं के समाधान में तभी कारगर साबित होगी जब विभागीय अधिकारी प्राप्त शिकायतों का तत्परता के साथ निराकरण करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लिये मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकना बड़ी चुनौती रही है। यह हेल्पलाइन इसमें मददगार साबित हो इसके लिए समेकित प्रयासों की उन्होंने जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि इससे वनों में होने वाली घटनाओं, वनों की तस्करी रोकने, जंगली जानवरों के अवेध शिकार जैसी तमाम समस्याओं का त्वरित समाधान हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगली पशुओं के फसलों को हो रहे नुकसान को कम करना भी एक बड़ी समस्या है। इसके लिए वनों में वन्य जीवों के लिए भोजन की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए कार्ययोजना बनाये जाने की भी जरूरत बतायी। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में समय-समय पर व्यापक जन जागरूकता अभियान संचालित किये जाने के भी निर्देश दिये ताकि वनों एवं वन्यजीवों के संरक्षण में जन सहभागिता भी सुनिश्चित हो सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार श्री के.एस.पंवार, आईटी सलाहकार श्री रवीन्द्र दत्त, प्रमुख वन संरक्षक श्री जयराज, प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव सुश्री रंजना काला, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक श्री जे.एस.सुहाग, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!