📰 हरिद्वार में बच्चों की लयबद्ध प्रस्तुति से गूंजा योगमय वातावरण
योगासन में दिखी लचक, अनुशासन और भारत की सांस्कृतिक चमक
ओम कश्यप बने योग चैंपियन | 170 बच्चों की भागीदारी
हरिद्वार, 24 जून | संवाददाता – Meru Raibar News
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के उपलक्ष्य में हरिद्वार के सरस्वती विद्या मंदिर, सेक्टर-2, बीएचईएल में शुक्रवार को एक अद्वितीय और अनुशासनपूर्ण जिला स्तरीय योगासन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस भव्य कार्यक्रम में जिले भर के विभिन्न विद्यालयों के 170 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और अपनी योग प्रतिभा से सबका मन मोह लिया।

योग बना अनुशासन का प्रतीक | बच्चों की शानदार प्रस्तुति
प्रतियोगिता में बच्चों ने जिस प्रकार लय, संतुलन और अनुशासन के साथ योग मुद्राएं प्रस्तुत कीं, वह न केवल शारीरिक क्षमता का प्रदर्शन था, बल्कि मानसिक स्थिरता और भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान का सजीव उदाहरण भी था।
प्रतियोगिता की अध्यक्षता अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के नोडल अधिकारी डॉ. घनेन्द्र वशिष्ठ ने की, जबकि आयोजन जिलाआयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. स्वास्तिक सुरेश तथा राष्ट्रीय आयुष मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. अवनीश उपाध्याय के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
ओम कश्यप बने योग चैंपियन
प्रतियोगिता में शिवालिक पब्लिक स्कूल के ओम कश्यप ने पहला स्थान प्राप्त कर “योग चैंपियन” का गौरव प्राप्त किया। नंदिनी ने द्वितीय स्थान और अभय ने तृतीय स्थान प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
“योग केवल व्यायाम नहीं, यह भारत की आत्मा है” — डॉ. वशिष्ठ
डॉ. वशिष्ठ ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा—
“योग आज सिर्फ एक शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि विचारों की स्पष्टता, भावनाओं का संतुलन और आत्मा की शांति का मार्ग बन चुका है। ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ का विचार अब केवल नारा नहीं, बल्कि मानवता की आवश्यकता बन गया है। हरिद्वार से उठी यह ऊर्जा पूरे उत्तराखंड और भारत में नई चेतना का संचार करेगी।”
समापन पर हुआ सम्मान समारोह
कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को ट्रॉफी और सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि पार्षद श्री अनुज सिंह ने बच्चों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि योग को जीवनशैली में शामिल करना आज की आवश्यकता है।
आभार और संदेश
आयोजकों ने सभी शिक्षकों, विद्यालयों और प्रतिभागियों का आभार प्रकट करते हुए इसे भविष्य के लिए एक प्रेरणास्पद शुरुआत बताया।
📸 यह आयोजन न सिर्फ एक प्रतियोगिता था, बल्कि एक चेतना थी — योग को जीवन में उतारने की।
