विधायक से लबे हाथ किसके?
संगमचट्टी इलाके में रुका पड़ा असी गंगा घाटी सड़क निर्माण कार्य।
अधिकारियों के बेबसी और सत्ता के विधायक के आदेश भी रद्दी में।
जिला मुख्यालय में अधिकारियों के चक्कर काट रहे ग्रामीण।
कि कब आओगे -देर न हो जाय कही देर न हो जाय।
गिरीश गैरोला।
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से लगा हुआ असी गंगा घाटी का इलाका वर्षो से सड़क निर्माण की मांग करता आ रहा है । अब मांग पूरी हुई तो टेंडर ऐसे ठेकेदार के नाम खुला जो काम करने को ही तैयार नही। विभागीय अधिकारियों के साथ डीएम और विधायक के आदेश भी निष्प्रभावी साबित हो रहे है।
पूर्व में ब्लैक लिस्ट हो चुके इस ठेकेदार कक सत्ता के गलियारों में ऐसी क्या पकड़ है कि विधायक के हाथ भी छोटे पड़ गए।
https://youtu.be/gH3UmzueQUM
https://youtu.be/gH3UmzueQUMरानी फिल्मों में सुना था कि कानून के हाथ लंबे होते है फिर सीन बदला और नया डायलॉग आया कि सरकार के हाथ बहुत लंबे होते है किंतु लेटेस्ट फिल्मो में जो डायलॉग चल रहा है वो ये है कि ठेकेदार के हाथ बहुत लंबे होते है।
अब तो सुदूर और सीमांत पहाड़ी इलाको में भी लंबे हाथों वाले ऐसे ठेकेदारों की प्रजाति देखने मे मिल रही थी, पहले अक्सर इस प्रजाति के ठेकेदार बडे नगरो तक ही सीमित थे, इस प्रजाति को बिलुप्त होने से बचाने के लिए सरकारी प्रयास भी सुरु हुए और परिणाम सामने है आज इनकी ठीक ठाक तादाद सामने है। पहाड़ की बिपरीत परिस्थितियों में भी अब इन्होंने अपने आप को ऐसे ढाल दिया है कि अब तो इनके हाथ सत्ताधारी विधायक के हाथों से भी लंबे हो गए है। विधायक के हाथ वर्ष में दो बार होने वाली विधान सभा सत्र में ही सत्ता के निकट पहुँच पाते है वही इस प्रजाति ने सत्ता और सरकार के मुखिया के निकट एक ऐसा मकड़जाल खड़ा कर दिया है कि उनकी मौजूदगी इस जाल के बहाने सीधे मुखिया तक अच्छे नेटवर्क के सिंग्नल भेजती है, या यूं कहें कि इनका सत्ता से कनेक्शन जियो के नेट की तरह सरपट दौड़ता है जबकि विधायको का बीएसएनएल की सुस्त नेट की तरह, जब भी जरूरत पड़े बस लगे गोल गोल घूमने।
ताजा मामला गंगोत्री विधानसभा के अंतर्गत संगम चट्टी इलाके में सड़क निर्माण का है। लोक निर्माण विभाग से इस सड़क को जब से पीएमजीएसवाय को सौंपा गया है इसकी हालात बद से बद्दतर हो गयी है। दरअसल गंगोरी से असी गंगा घाटी के करीब 8 गावो को जोड़ने वाली इस सड़क पर ठेकेदार न तो काम कर रहा है और न काम छोड़ रहा है। भुगतान नही मिलने से मजदूर भी भाग गए और किराया न मिलने से जेसीबी मशीन भी साइट से वापस लौट गई।
पिछले दिनों गंगोत्री विधायक गोपाल रावत ने विभागीय अधिकारियों के साथ सड़क का निरीक्षण किया और मीडिया में बयान दिया कि 15 दिनों में कार्य मे प्रगति न दिखने पर ठेकेदार से काम हटाकर किसी अन्य सक्षम ठेकेदार से सड़क निर्माण करवाया जाएगा।
तब से एक पखवाड़ा गुजरने को है किंतु न तो कार्य मे प्रगति दिखी और न टेंडर ही निरस्त हुआ।
ग्रामीणों ने बताया कि भले ही ठेकेदार के पास सड़क निर्माण के लिए संसाधन नही है किंतु सत्ता के गलियारो में इनकी खूब पकड़ है तभी तो इसे एक बार इसको फिर से टाइम एक्सटेंशन देने की कोसिस की जा रही है।
इलाके से मुख्यालय शिकायत लेकर पहुचे कमलेश्वर खंडूरी और वीरेंदर सिंह ने बताया कि अभी तक भी ठेकेदार द्वारा कोई लेबर मौके पर नही लगाई गई है। बदहाल सड़क पर कोई भी अपने वाहन नही चलाना चाहता जिसके चलते गाँव मे आवागमन की भारी असुविधा हो रही है। और लोग मजबूरी में गांव छोड़कर सड़क के पास किराये के घरों में रहने को मजबूर हो रहे है।
प्रभारी डीएम और सीडीओ प्रशांत कुमार आर्य ने बताया कि ठेकेदार के साथ पीएनजीएसवाय विभाग की बैठक रखी गयी है जिसमे अंतिम और कठोर निर्णय लिया जाएगा।
गौरतलब है कि उक्त मामले में अनुसूचित जाति आयोग की रास्ट्रीय सदस्य स्वराज विद्धवान ने भी त्वरित निर्माण न होने पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए थे जिसके धरातल पर फिलहाल इनका भी कोई असर देखने को नही मिला।
https://youtu.be/gH3UmzueQUM