हाकम की वक्र दृष्टि – जिला पंचायत उत्तरकाशी पर गिरी गाज – सीएम के निर्देश पर डीएम ने खंगाले वित्तीय दस्तावेज़

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Uttarkashi

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उत्तरकाशी जिला पंचायत में वित्तीय मामलों को लेकर हुए भ्रष्टाचार की शिकायत पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए आयुक्त गढ़वाल मंडल के माध्यम से डीएम उत्तरकाशी को जिला पंचायत के वित्तीय दस्तावेजों की जांच के आदेश दिए हैं ।जिसके बाद डीएम ने सीडीओ उत्तरकाशी को दस्तावेजों की बारीकी से जांच करने के निर्देश दे दिएहैं । जांच के खबर के बाद जिला पंचायत में हड़कंप मचा रहा और कर्मचारी अधिकारी फाइलों को लेकर यहां से वहां घूमते नजर आए। गौरतलब है जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने यह कदम उठाया है गौर करने वाली बात यह है कि करोड़ों के आरोप भ्रष्टाचार के आरोप वाली इस शिकायत पर मुख्यमंत्री स्तर से एक नवंबर को जांच के आदेश निर्गत हुए जिस पर 10 नवंबर को आयुक्त ने एवं 17 नवंबर को उत्तरकाशी डीएम ने कार्यवाही को अंजाम दिया। इतनी लंबी अवधि तक जांच के आदेश को घुमाए रखना जीरो टॉलरेंस के लिए अपने आप में जांच का विषय है।

अक्सर चर्चाओ मे रहने वाली उत्तरकाशी जिला पंचायत एक बार फिर  अनियमितत्ताओ के लिए चर्चाओ मे है | वित्तीय अनियमितता के लिए जिला पंचायत पिछले बोर्ड से चर्चाओ मे रहा है| इस बार एक कदम और आगे बढ़ते हुए मुख्यमंत्री स्तर से शिकायत की जांच के आदेश हुए है, जिसके बाद दसताववेजों मे हेर फेर की संभावनाओ को लेकर बुधवार साम को जिला पंचायत का कार्यालय सीज कर दिया गया | डीएम उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने सीडीओ प्रवेश डंडरियाल को ट्रेजरी ऑफिसर के साथ मे तमाम दस्तावेज़ कब्जे मे लेकर जांच  के आदेश दिये है | जांच टीम ने गुरुवार सुबह ही जिला पंचायत कार्यालय मे पहुचकर तमाम जरूरी दस्तावेज़ अपने कब्जे मे लेकर जांच सुरू भी कर दी है |

गौरतलब है कि 1 नवंबर  को जिला पंचायत सदस्य हाकम  सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को लिखित शिकायत दी थी जिस पर 1 नवंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय से जांच के आदेश निर्गत हुए 10 नवंबर को आयुक्त गढ़वाल मण्डल ने डीएम उत्तरकाशी को विस्तृत जांच  के आदेश दिये| 18 नवंबर  को डीएम के निर्देश पर सीडीओ उत्तरकाशी ने जिला पंचायत के सभी दस्तावेज़ वाले कक्षो  को सीज कर दिया |

मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र मे जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह ने आरोप लगाया कि वित्त नियंत्रक कि अनुमति के बिना ही जिला पंचायत मे बजट को ठिकाने लगा दिया गया है आइसके अलावा फर्जी मस्टररोल भरे गए है  | उन्होने कहा कि यदि डीएम स्तर  से हुई जांच को प्रभावित करने कि कोशिस कि गयी तो वे एसआईटी जांच कि मांग करेंगे |

हाकम का शिकायती पत्र जिला पंचायत उत्तरकाशी

गौर करने वाली बात ये है कि मुख्यमंत्री करायलय से 1 नवंबर को निर्गत आदेश पर 10 नवंबर को आयुक्त गढ़वाल ने कार्यवाही की, इतने महत्वपूर्ण जांच को इतने डीनो तक टेबल पर पड़े रहने दिया गया? क्या दस्तावेजो मे छेड़छाड़ नहीं हुई होगी? क्या इतने संवेदन शील मामले पर जांच के आदेश देने मे इतना लंबा समय दिया जाना न्याय पूर्ण  है ?

जिला पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत पर पूरा भरोसा जताते हुए ज़ीरो टोलरेंस की जांच पर पूरा विश्वास जताया है वही अध्यक्षा जिला पंचायत  कि गैर मौजूदगी मे जिला पंचायत संगठन उत्तरकाशी के अध्यक्ष प्रदीप कैंतुरा ने जिला पंचायत के भवन के सीज होने की खबर को पूरी तरह भ्रामक बताया उन्होने कहा कि अध्यक्षा के निर्देश पर जांच टीम को पूरा सहयोग किया जा रहा है | उन्होने कहा कि जिन लोगो को घपले का अंदेशा है उनकी तसल्ली  के लिए जांच होना बेहद जरूरी भी हो गया है |

वही जिला पंचायत सदस्य मनीष राणा ने एक कदम आगे बढ़ते हुए बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि वे निर्दलीय जिला  पंचायत अध्यक्ष को अपनी पार्टी मे सामिल  करने किए दबाब की  नीति के तहत काम कर रहे है| उन्होने इस जांच को एक षड्यंत्र बताया है |

मुख्य विकास अधिकारी प्रवेश डंडरियाल ने बताया कि डीएम के निर्देश पर वे जिला पंचायत से वित्तीय दस्तावेज़ लेकर ट्रेजरी ऑफिसर से साथ जांच कर रिपोर्ट डीएम को देंगे और इस जांच मे दो से तीन दिन का समय लग सकता है | जांच के बाद निर्णय शशन स्तर से लिए जाने है |

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