धामी कैबिनेट की बैठक संपन्न, 19 प्रस्तावों पर लगी मुहर

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 19 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। जिसमें मुख्य रूप से उत्तराखंड सरकार ने जन विश्वास नियोजन एक्ट को मंजूरी दे दी है। इसके तहत छोटे-छोटे अपराधों में कारावास की सजा को समाप्त करते हुए सिर्फ अर्थ दंड का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा ट्रांसमिशन लाइन और बिजली लाइनों के दौरान भूमि मालिकों को मिलने वाले मुआवजा राशि को भी बढ़ाया गया है।
कैबिनेट बैठक के महत्वपूर्ण बिंदु में भारत सरकार की साल 2024 में आई ‘इंटर स्टेट ट्रांसमिशन लाइन कंस्ट्रक्शन’ मुआवजा को पिटकुल के अपने प्रोजेक्ट्स में अडॉप्ट करने पर सहमति जाता दी है। ऐसे में बिजली के जो टावर बनाए जाते हैं, उसे जमीन के एवज में भूमि मालिकों को अभी तक सर्किल रेट का 85 फीसदी मुआवजा दिया जाता था। जिसे बढ़ाकर सर्किल रेट से दो गुना कर दिया गया है। खेतों के ऊपर से जाने वाली ट्रांसमिशन लाइन पर खेत मालिक को सर्किल रेट का 15 फीसदी का मुआवजा दिया जाता था। जिसे बढ़ाकर 30, 45 और 60 फीसदी कर दिया गया है। छोटे-छोटे अपराधों में कारावास की सजा को हटाकर अर्थ दंड की सजा दी जाए। इसके लिए जन विश्वास नियोजन एक्ट को मंजूरी दे दी है। पहले चरण में 7 एक्ट को शामिल किया गया है।
भारत सरकार ने ग्रीन बिल्डिंग को प्रमोट करने के लिए अतिरिक्त एफआईआर देने का सुझाव दिया था। जिसके तहत उत्तराखंड सरकार ने भी ग्रीन बिल्डिंग को प्रमोट करने के लिए प्रावधान किए हैं। कमर्शियल क्षेत्र में ग्राउंड कवरेज पर लगी रोक को हटाया गया।
एग्रिकल्चर भूमि पर इको रिसॉर्ट बना सकते थे। लेकिन इस भूमि पर रिसॉर्ट बनाने की अनुमति नहीं थी। ऐसे में अब एग्रीकल्चर भूमि पर इको रिसॉर्ट के साथ ही अब रिसॉर्ट भी बना सकेंगे। जबकि पहले एग्रीकल्चर भूमि पर रिसॉर्ट बनाने के लिए लैंड यूज चेंज करने की जरूरत होती थी।
रोड लेवल में बनने वाले पार्किंग फ्लोर की हाइट को पूरे बिल्डिंग की हाइट में काउंट नहीं किया जाएगा। सड़क किनारे बनने वाले मोटल सुविधा को समाप्त कर दिया गया है। टाउन प्लानिंग स्कीम और लैंड पुलिंग स्कीम को मिली मंजूरी। उत्तराखंड माल एवं सेवाकर संशोधन अध्यादेश को मिली मंजूरी।
टेक्निकल यूनिवर्सिटी में भर्ती अब लोक सेवा आयोग के बजाय यूनिवर्सिटी के स्तर से भर्ती होगी। पीडब्ल्यूडी में कनिष्ठ अभियंता के पद पर भर्ती, समूह ग के पदों पर तैनात कर्मचारियों के प्रमोशन के जरिए की जाती थी। लेकिन बेहतर कर्मचारी नहीं मिल पा रहे थे। ऐसे में 10 वर्ष की सेवा और डिप्लोमा किए हुए लोगों को कनिष्ठ अभियंता के पद प्रमोट किया जाएगा।
नैनी सैनी एयरपोर्ट का एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ एमओयू किया गया था, जिसे विचलन के जरिए अनुमति दी गई थी। ऐसे में अब इसे मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई है। सितारगंज के कल्याणपुर में प्रभावितों को जो पट्टे पर जमीन आवंटित की गई थी। उन सभी के नियमितीकरण को लेकर 2025 में नियम बनाए गए थे, उसमें सर्किल रेट 2016 रखा गया था। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि 2004 के सर्किल रेट को तय किया जाएगा।
सहकारिता विभाग में मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना और डेयरी विभाग में साइलेज एवं पशु पोषण योजना संचालित की जा रही है। ऐसे में इन दोनों योजनाओं के तहत किसानों को मिलने वाली सब्सिडी को घटाकर 60 फीसदी किया गया। जबकि पहले 75 फीसदी सब्सिडी था। देहरादून में रिस्पना और बिंदाल एलिवेटेड रोड के निर्माण संबंधित एनएचआई की ओर से भारत सरकार को अनुरोध भेजा गया था। ताकि, इसमें आने वाली रॉयल्टी और जीएसटी में छूट दे दी जाए। जिस पर उत्तराखंड सरकार ने निर्णय लिया है कि निर्माण एजेंसी पहले रॉयल्टी और जीएसटी जमा करेगी, लेकिन बाद में वित्त विभाग से इसे वापस कर दिया जाएगा। करीब 46 करोड़ रुपए की रॉयल्टी और 575 करोड़ की जीएसटी की छूट होगी। सगंध पौधा केंद्र का नाम बदलकर परफ्यूमरी एवं सगंध अनुसंधान संस्थान कर दिया गया है।
15 साल से पुराने वाहन स्क्रैप करने पर मोटर वाहन टैक्स पर 50 फीसदी की छूट दी जाएगी। जिस पर मंत्रिमंडल ने सहमति जता दी है। ऐसा करने पर केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को 50 करोड़ रुपए विशेष केंद्रीय सहायता दी जाएगी। उच्च शिक्षा विभाग के तहत मुख्यमंत्री युवा भविष्य निर्माण योजना को मंजूरी मिली। ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा मिलेगी। इसके लिए एक संस्था का चयन किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने तहत मुख्यमंत्री युवा भविष्य निर्माण योजना को मंजूरी मिली। 11वीं और 12वी में पढ़ने वाले बच्चों को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट और ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन की परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में एक अभियोजन निदेशालय के गठन का प्रावधान है। जिस पर मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। जिला स्तरीय निदेशालय को भी मंजूरी मिली।

छोटे अपराधों में जेल की जगह अब बढ़ेगा आर्थिक दंड
देहरादून। केंद्र सरकार की तर्ज पर अब उत्तराखंड सरकार ने भी प्रशासनिक सुधारों की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। राज्य ने ‘जन विश्वास एक्ट’ लागू करते हुए छोटे-मोटे अपराधों में कारावास की सजा को घटाकर आर्थिक दंड बढ़ाने का निर्णय लिया है।
सरकार का दावा है कि इससे न केवल आम लोगों को अनावश्यक कानूनी बोझ से राहत मिलेगी, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और सरलता भी आएगी।
सरकार के अनुसार अब तक लागू 7 पुराने एक्ट समाप्त कर दिए गए हैं, और उनकी जगह एक नया ‘जन विश्वास एक्ट’ लागू कर दिया गया है। शासन का कहना है कि यह कानून लोगों को छोटी त्रुटियों पर जेल भेजने की कड़ी प्रक्रिया से राहत देगा और इसके स्थान पर उचित आर्थिक दंड के प्रावधान किए जाएंगे।
अधिकारियों के मुताबिक भविष्य में भी समयदृसमय पर अन्य संबंधित एक्ट्स को इस नई व्यवस्था में शामिल किया जाता रहेगा, ताकि कानूनों को और अधिक सरल, आधुनिक और जनदृहितैषी बनाया जा सके। राज्य सरकार का मानना है कि यह सुधार न केवल आम नागरिकों के लिए राहत साबित होगा, बल्कि छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और स्थानीय उद्यमियों को भी लंबे मुकदमों से बचाकर आर्थिक रूप से सक्षम बनाएगा।

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