शराब कि दुकानों को लौक डाउन मे भी लंबी लाइन लगाने कि छूट और बार पर साप्ताहिक बंदी ? वीकेंड पर बंदी से मंदी मे बार संचालक अब बीजेपी नेताओ कि शरण मे

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कोरोना को लेकर दोहरे मानक अपनाए जाने से बार और रेस्टोरेंट संचालक खफा है | उन्होने बताया की साप्ताहिक बंदी के दौरान होटल के रेस्टोरेन्ट तो बराबर खुल रहे है जबकि उन्हे बंदी मे सामिल कर दिया गया है | लौक डाउन के दौरान पूर्ण बंदी के बाद भी न तो किराया न कर्मचारियो की वेतन और न अधिभार मे कोई रियायत मिली अब लौक डाउन खुलने मे बाद कुछ उम्मीद बनी तो साप्ताहिक बंदी लागू होने से फिर उनकी कमर तोड़ने का कानून लागू कर दिया है | उन्होने बताया कि वीकेंड के चलते शनिवार और रविवार को ही उनको अच्छी बूकिंग मिलती है अब साप्ताहिक बंदी उसी दिन तय करने से उनकी रोजी रोटी पर संकट आ गया है | बीजेपी नेताओ से मिले बार और रेस्टोरेंट संचालकों के प्रतिनिधिमंडल को बीजेपी नेताओ ने मानवीय आधार पर उनकी बात सरकार के सामने रखने का भरोसा दिलाया है |

रविवार को साप्ताहिक अवकास करने से कैसे बनेगा वीकेंड का मूड – नाराज बार और रेस्टोरेन्ट संघ

कोराना काल से प्रभावित उत्तराखंड बार और रेस्टोरेंट संचालकों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है ऐसे में आज एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल भाजपा के पदाधिकारियों से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराता दिखा| इन संचालकों का मानना है की करोना काल में पूरे 8 महीने इनके बार और रेस्टोरेंट बंद रहे जबकि इनकी देनदारियों निरंतर बनी रही चाहे वह किराया हो यह कर्मचारियों का खर्चा| सरकार ने इनसे पूरे साल का अधिभार भी जमा करा रखा है जो काफी मोटी रकम है| लौकडाउन खुलते ही थोड़ी उम्मीद जरूर जगी थी पर इसके बाद भी सरकार ने साप्ताहिक बंदी का एक ऐसा नियम इन पर लाद दिया जिससे इनकी आर्थिकी और प्रभावित होने लगी | इनका कहना है की शनिवार और इतवार को ही इनके रेस्टोरेंट्स और बार में लोगों की आवाजाही व बुकिंग होती है| इसमें भी रविवार को बंदी के चलते इन को खासा नुकसान उठाना पड़ता है जबकि सरकार द्वारा इनको अभी तक कोई रियायत नहीं दी गई है ऐसे में यह बंदी की कगार पर हैं और सरकार से अभी तक कोई सहयोग की इन्हें आश नहीं दिख रही है| खाली देहरादून की बात करें तो राजधानी में 50 से 60 * बार संचालक जबकि 300 से ऊपर रेस्टोरेंट्स संचालक इससे प्रभावित हैं जबकि होटलों पर जिला प्रशासन साप्ताहिक बंदी लागू नहीं कर रहा है ऐसे में होटलों के रेस्टोरेंट्स रविवार को भी संचालित हो रहे हैं हालांकि भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने मानवता के नाते इतना तो स्वीकार कर लिया कि इनकी जो मांगे हैं वह जायज हैं पर इस पर निर्णय सरकार को ही लेना है और वह इससे शासन व प्रशासन को अपने स्तर से जरूर अवगत कराएंगे |

विनय गोयल प्रदेश प्रवक्ता भाजपा।

– टी पी सिंह अध्यक्ष उत्तराखंड बार रेस्टोरेंट एसोसिएशन

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