ताजपोशी: तीन दिन में सूख गए विजय के फूल? – कौन बना अध्यक्ष? प्रदेश प्रमुख संगठन: दानु और राणा के बीच रार।

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पंचायत प्रमुखों के प्रदेश संगठन की लिष्ट जारी होने के बाद विजय में पहनी गयी फूलमालाओं की खुश्बू भी नही गयी कि एक अन्य दावेदार ने खुद को प्रमुख संगठन का अध्यक्ष घोषित कर जश्न का पूरा मजा ही किरकिरा कर दिया। देवाल के प्रमुख दर्शन सिंह दानु के दावे की खिलाफ द्वारीखाल के प्रमुख महेंद्र सिंह राणा ने खुद को प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया। ऐसे में पंचायतों को मजबूत करने के दावे करने वाले खुद को ही मजबूत करने में लगे दिखाई दे रहे है। गौरतलब है कि प्रमुख संगठनों द्वारा प्रदेश संगठन बनाये जाने के बाद भी प्रदेश सरकार में उनकी कहीं कोई सुनवाई होती नजर नही आ रही है।

थराली। चमोली :- प्रमुख संगठन के प्रदेश अध्यक्ष के पद् को लेकर खीचतान तेज हो गयी हैं। देवाल के ब्लाक प्रमुख दर्शन दानू ने दांवा किया की 10 फरवरी को पतंजलि  में आयोजित प्रमुखो की कार्यशाला में मौजूद 70 में से 55 प्रमुखों का उनको अध्यक्ष के लिए समर्थन दिया था।

रिपोर्ट / गिरीश चंदोला    

 दरसअल 10 फरवरी को पतंजलि  हरिद्वार में प्रमुखो की एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिस में प्रमुख संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पर देवाल के ब्लाक प्रमुख दर्शन दानू के   चुने जाने के समाचार  प्रचारित हुए थे। गुरूवार को एक बार पुन:अखबारो में प्रमुख संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पर द्वारीखाल के ब्लाक प्रमुख महेंद्र सिंह राणा द्वारा स्वयंम को प्रमुख संगठन का प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की खबरें प्रकाशित होने पर प्रमुखो की राजनीति फिर से पूरे प्रदेश में गरमाने लगी हैं। 
इस प्रकरण  पर दर्शन दानू ने एक पत्रकार वार्ता में  कहां की 10 फरवरी को हरिद्वार में आयोजित बैठक में उन्हे सर्वसम्मति से संगठन का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया हैं। बैठक में मौजूद 70 में से 55 प्रमुखो का अध्यक्ष सहित अन्य पदो के दायित्वो  पर खुला समर्थन था। उन्होने दांवा किया कि  उस बैठक में भी राणा ने हालांकि दावेंदारी तो की थी किंतु अधिकांश ने उनकी दांवेंदारी का समर्थन ही नही किया था । दानू ने कहां कि पिछले कार्यकाल में  राणा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष थे किन्तु उनके कार्यकाल में ही प्रमुख निधि समाप्त हो गई जिसका तत्कालीन अध्यक्ष   द्वारा कोई विरोध नही किया गया।पांच सालों के कार्यकाल में उनके द्वारा बताने के लिए एक भी उपल्ब्धि नही है। दानू ने राणा से पूछा है कि आखिर बैठक के तीन दिनो बाद प्रेस रिलीज का अर्थ क्या हैं। दानू ने खुली चुनौती दी हैं। की अगर राणा चाहे तो वे चुनाव लड़ने को भी तैयार हैं। एक प्रश्न के उत्तर में दानू ने कहां की पंचायतो मे अधिक राजनीति अच्छी नही है। 
उन्होंने कहां कि नये वर्ष के ग्रीटिंग  कार्डो में ही राणा ने अपने आप को स्वयम्भू अध्यक्ष घोषित कर लोगो को कार्ड भेजे थे,  जो सरासर गलत हैं।दानु ने राणा पर  आरोप लगाते हुए कहा कि  वे  संगठन को  भाजपा व  कांग्रेस के बीच बाटना चाह रहे हैं, जो गलत है ।अगर वे  ऐसा है भी  करना चहाते है तो भाजपा के 65 ब्लाक प्रमुख राज्य में है। ऐसी स्थित में  महेंद्र सिंह राणा कहां से प्रदेश अध्यक्ष बनेगे। दानू ने दांवा किया की पूर्व संगठन अध्यक्ष व संगठन के घोषित संरक्षक जोत  सिंह बिष्ट ने साफ कहां की उनकी अध्यक्षता में कोई भी संगठन की बैठक ही नही हुई हैं। जबकि हरिद्वार में बैठक कपकोट के ब्लाक प्रमुख गोविंद सिंह दानू की अध्यक्षता में हुई थी। दानू ने  राणा को चुनाव की खुली चुनौती दी हैं। कुल मिला कर प्रमुख संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पद किस करवट बैठेगा आने वाले समय में ही पता चल पायेगा।


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