रूद्रपुर। जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने जनपद में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनपद में सूखा भूसा, ठूंठ, नरई, पुआल, गन्ने की पत्तियां (अगोला व हरी एवं सूखी पत्तियां इत्यादि) पर सीमार्न्तगत तत्काल प्रभाव से रोक लगाई है। उन्होने कहा कि सूखा भूसा, ठूंठ, नरई, पुआल, गन्ने की पत्तियां (अगोला व हरी एवं सूखी पत्तियां इत्यादि) को ईंट भट्टा एवं अन्य उद्योगों में न इस्तेमाल किया जाए। जिलाधिकारी ने इस हेतु इन उद्योगों को उक्त सामग्री के विक्रय, जनपद में उत्पादित उक्त सामाग्री को राज्य से बाहर अन्य राज्यों में परिवहन पर ले जाने पर एक माह तक रोक लगाते हुए पुआल व नरई को खेतों व अन्य स्थानों पर जलाने पर तत्काल रोक लगाई है।
उक्त सामाग्री विक्रेताओं द्वारा सामाग्री का अनावश्यक भण्डारण एवं काला बाजारी पर भी रोक लगायी है। उन्होने कहा आदेश का उल्लंघन वर्तमान में प्रवृत्त अन्य कानूनों के प्रासंगिक प्राविधानों व नियमों के तहत अनुमन्य न होने के कारण भा0द0सं0 की धारा-188 वायु एवं प्रदूषण नियन्त्रण अधिनियम 1981 के तहत दण्डनीय होगा।