गंगा यमुना के मायके में हलक सूखे।
पानी की किल्लत से परेसान काशी निवासी
डीएम के निर्देश को विभाग ने बताया ठेंगा।
गिरीश गैरोला
गंगा यमुना के उदगम और शिव नगरी उत्तरकाशी में आजकल दिनचर्या बदली बदली सी है।
सड़क पर हैंड पम्प के पास पानी की कतार में लोगो की भीड़ दिखाई दे रही है
एक तरफ सुबह स्कूली बच्चों की तैयार कर स्कूल तक या बस स्टॉप तक छोड़ने की चिंता तो दूसरी तरफ हैंड पम्प से पानी ढोकर लाने की फिक्र।
जी हां ये वहीं उत्तरकाशी है जहाँ से गंगा और यमुना निकल कर उत्तर भारत की प्यास बुझती है। किंतु गंगा के मायके में लोग पानी के लिए तरस रहे है। पहले गंदला पानी सप्लाई किया गया शिकायत हुई तो पानी ही बंद कर दिया। पीने का पानी तो लोग दूर कही हैंड पम्प से ढोकर ला रहे है किंतु नहाने और कपड़ा धोने के लिए अभी इंतजर करना पड़ रहा है।
पानी की इसी किल्लत को लेकर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता डीएम आशीष चौहान से भी मिले थे जिसके बाद डीएम ने मौके से ही विभाग को लताड़ लगगते हुए तत्काल व्यवस्था बहाली के निर्देश दिए थे किंतु विभाग अपनी ही हाथी वाली चाल से चल रहा है।
गौर करने वाली बात ये है कि पानी की किल्लत वर्षा काल के सर्फ एक महीने में ही ज्यादा होती है जिसके लिए विभाग हर वर्ष पूर्व तैयारी की बात करता है किंतु एन मौके पर तैयारियां धरी की धरी राह जाती है।
जल कल अभियंता बी एस भंडारी ने बताया कि गुफ़ियारा टैंक के पास नगर पालिका की सड़क के सिंक होने से पाइप लाइन लीकेज हो रही है जिसके कारण पानी की आपूर्ति बाधित है।
तब तक लोगो को चम्मच से नाप कर पानी की कीमत महसूस करनी ही होगी।