आग लगने पर कुँवा खोदती है फायर सर्विस:#मेरुरैबार

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नौगांव बाजार के मुख्य चौराहे पर बेकरी की दूकान पर सलेंडर ने पकड़ी आग लाखो की कीमती मशीनों समेत अन्य सामान हुआ स्वाहा.

आपदाग्रस्त जिले उत्तरकाशी में दर्जनों मॉक ड्रिल के वावजूद इन वक्त पर सरकारी मशीनरी के फेल होने से विभाग की तैयारियों पर सवाल उठने लगे है। आग लगने की दशा में कुछ मिनट की देरी से किसी की जान जा सकती है। 2 किमी की दूरी दो घंटे में तय कर स्पॉट पर पहुँचने वाली फायर सर्विस को लेकर फिलहाल भीड़ का गुस्सा तो थम गया है किंतु भविष्य में यह आक्रोश बड़े रूप में फट सकता है।

बुधवार सांय करीब 5:30 बजे विपिन कुमार ग्राम मुराड़ी निवासी की दूकान पर सलेंडर ने अचानक से आग पकड़ ली, दूकान में मौजुद कारीगरों के अनेकों प्रयासों के बाद भी आग पर काबू नही पाया जा सका और  आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।


जिसके बाद पुरे नौगांव  बाजार में हड़कम्प मच गया और लोग आग पर काबू पाने के लिए मदद के दौड़े चले आये.। काफी देर ताके जूझने   के बाद भी जब आग पर काबू नही पाया जा  सका  तो पुलिस ने सलेंडर फटने के डर से लोगों को दुकान में घुसने से ही  रोक लिया।

जैसे ही आग लगी  तत्काल स्थानीय लोगो द्वारा फायर ब्रिगेड को  सूचित किया गया, करीब दो घण्टे के इन्तजार के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी जब घटना स्थल पर पहुंची, तो भीड़ का गुस्सा बढ़ गया , फायर सर्विस के देर से आने से  गुस्साए सेकड़ों लोग  गाड़ी की तरफ  झपट पड़े.। व्यापारियों की माने तो  फायर ब्रिगेड का वाहन चौराहे से 2दो किलोमीटर की दुरी पर ब्लॉक अस्पताल के समीप खड़ा था।
पुलिस ने भीड़ से आग्रह कर आगे बढ़ने से  यह कह कर रोक दिया  की  फायर सर्विस पर  देरी से पहुंचने के लिए उचित कार्यवाही की जाएगी।

अब सवाल ये उठता है कि 2 किमी की दुरी से फायर सर्विस के  वाहन को आने में  2घण्टे का समय  क्यों लगा ?

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