70 प्रतिशत वन भूमि को आय के संसाधनों से जोड़ने, खनन की व्यवहारिक नीति बनाने पर ध्यान : सीएम धामी

Share Now

       मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने, आय के संसाधनों को बढ़ाने, राजस्व हानि रोकने के प्रयासों के साथ ही बजट के निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति हेतु कारगर प्रयासों की जरूरत बतायी है। राज्य से गरीबी, बेरोजगारी एवं पलायन से मुक्ति के लिये संतुलित एवं समावेशी विकास पर भी ध्यान देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये है। राज्य की वार्षिक विकास दर, औद्योगिक विकास दर, कृषि एवं सम्बद्ध विकास दर को बढ़ाने के प्रयासों पर भी उन्होंने ध्यान देने को कहा है।
       सोमवार को देर रत तक मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, सचिव वित्त, वित्त के विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की। सचिव वित्त श्री अमित नेगी ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य की वित्तीय स्थिति आय-व्ययक आदि से सम्बन्धित विषयगत जानकारी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि राजय का इस वर्ष का बजट 58 हजार करोड़ है।
       मुख्यमंत्री ने राज्य में आय के संसाधनों तथा पूंजी निवेश को बढ़ाने के प्रयासों पर बल देते हुए कहा कि कोविड 19 के दृष्टिगत वित्तीय स्थिति पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। बावजूद इसके बेहतर वित्तीय प्रबंधन के द्वारा हमें इस स्थिति में सुधार लाने के प्रयास करने होंगे।         

        मुख्यमंत्री ने आय के संसाधनों को बढ़ावा देने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन, राज्य के 70 प्रतिशत वन भूमि से वन उपज आदि को आय के संसाधनों से जोड़ने, खनन की व्यवहारिक नीति बनाने, कर राजस्व आदि पर ध्यान देने पर बल दिया।
        मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिन योजनाओं के लिये केन्द्र से वित्तीय मदद मिलनी है उनके प्रस्ताव तैयार किये जाए। उन्होंने उ0प्र0 से परिवहन, ऊर्जा एवं अन्य विभागों से सम्बन्धित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के भी निर्देश दिये।
         इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, श्री आनन्द वर्द्धन, अपर प्रमुख सचिव श्री अभिनव कुमार, विशेष सचिव श्री पराग मधुकर धकाते, प्रभारी सचिव श्री वी षणमुगम, अपर सचिव श्री अरूणेन्द्र सिंह चौहान, श्रीमती अमिता जोशी सहित कोषागार, ऑडिट, पेंशन स्टेट जी.एस.टी. स्टाम्प रजिस्ट्रेशन, रजिस्ट्रार सोसायटी आदि विभागों के उच्चाधिकारियों मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!