परस्पर निर्भरता।
इंसान और जानवर की मित्रता।
उत्तरकाशी विश्वनाथ मंदिर के दोनों तरफ के गेट को नगर के कुछ भिखारी दिन में भीख मांगने के लिए तो रात को सोने के लिए उपयोग में लाते है। यहाँ इंसान और जानवरों में जीवन के लिए परस्पर निर्भरता का उदाहरण पेश किया जाता है, शर्दी की रात में ठंड लगने पर इंसान तो अपनी कंबल निकाल लेता है वही पास के कुत्ते ने भी इनसे एक रिश्ता कायम कर लिया है। इनका खाना पीना और सोना एक साथ ही होता है। दिन के समय ये कुत्ता थैले में रखे अपने पार्टनर के समान की देख भाल करता है तो बदले में उसे खाने में हिस्सेदारी मिलती है। रात को एक ही बिस्तर पर दोनों जीव शयन करते है।