“उत्तराखंड बना देश की उम्मीद – गणेश जोशी!”
✨ उपशीर्षक (Subheadings):
1️⃣ सैनिक कल्याण में सौगुनी छलांग — ‘सैन्य धाम’ बन रहा राष्ट्रभक्ति का प्रतीक
2️⃣ किसान आत्मनिर्भर बन रहे, मशरूम उत्पादन में देश में 5वां स्थान
3️⃣ पर्वतीय कृषि, मिलेट मिशन और हर्बल खेती से उत्तराखंड का नाम ऊँचा
🔥 ओपनिंग पैराग्राफ (Hook):
नई टिहरी में सोमवार को आयोजित राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती प्रेसवार्ता में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने उत्तराखंड की 25 साल की विकास यात्रा को गर्व से साझा किया। उन्होंने कहा —
“ये सिर्फ आँकड़े नहीं हैं, ये 25 साल की मेहनत, त्याग और सपनों की कहानी है… सैनिकों की शौर्यगाथा से लेकर किसानों की मुस्कान तक — यही उत्तराखंड की असली पहचान है।”
🇮🇳 सैनिकों के सम्मान में समर्पित — ‘सैन्य धाम’ अंतिम चरण में
गणेश जोशी ने बताया कि सैनिक कल्याण राज्य सरकार की प्रथम प्राथमिकता है।
वर्ष 2000 में जहां विभाग का बजट ₹4.26 करोड़ था, आज वह बढ़कर ₹80.50 करोड़ हो चुका है।
पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की संख्या 1.36 लाख से बढ़कर 1.92 लाख तक पहुँच चुकी है।
“हमारे शहीदों की स्मृति को सदैव अमर रखने के लिए पांचवें धाम — सैन्य धाम का निर्माण अंतिम चरण में है,”
मंत्री ने गर्व से कहा।
राज्य में अब तक 10 शहीद द्वार और स्मारक बन चुके हैं।
पेंशन और अनुदानों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई —
- कारगिल शहीदों के माता-पिता को अब ₹5,000,
- पत्नी को ₹7,500,
- और परमवीर चक्र विजेताओं के लिए अनुदान ₹1.5 करोड़ तक बढ़ाया गया।
🌾 सशक्त किसान, सशक्त उत्तराखंड — खेतों से उभर रही सफलता की कहानियाँ
मंत्री ने कहा —
“हमारे किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं, अब ‘आर्थिक शक्ति’ बन चुके हैं।”
उत्तराखंड अब मशरूम उत्पादन में देश में 5वें स्थान पर है,
वर्तमान में उत्पादन 27,390 मैट्रिक टन से अधिक हो चुका है।
शहद उत्पादन भी 3,320 मैट्रिक टन तक पहुँच गया है।
कृषि बजट 2001 के ₹2.75 करोड़ से बढ़कर अब ₹744.25 करोड़ हो गया है।
पंतनगर विश्वविद्यालय ने 25 वर्षों में 27,000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया और 141 नई फसलें विकसित कीं।
🍄 पर्वतीय खेती का कायाकल्प — कीवी, सगंध फसलें और जैविक क्रांति
- कीवी पॉलिसी के तहत ₹894 करोड़ की परियोजना से 3,500 हेक्टेयर क्षेत्र आच्छादित होगा।
- सगंध पौधा केंद्र ने लेमनग्रास, मिन्ट, कैमोमिल जैसी 9,500 हेक्टेयर में खेती को बढ़ावा दिया।
- चाय उत्पादन 196 हेक्टेयर से बढ़कर 1,585 हेक्टेयर तक पहुँच गया है।
- रेशम उत्पादन भी तीन गुना से अधिक बढ़ा है।
🚜 तकनीक से जुड़ता किसान — ड्रोन, मृदा कार्ड और डिजिटल मंडियाँ
राज्य ने 88 कृषि ड्रोन, 8.82 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड, और
4643 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित कर कृषि क्षेत्र में तकनीक का नया दौर शुरू किया है।
अब उत्तराखंड की 20 मंडियाँ ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़ चुकी हैं।
“अब पहाड़ का किसान सिर्फ उत्पादक नहीं, बल्कि डिजिटल उद्यमी है,”
मंत्री ने मुस्कराते हुए कहा।
🏔️ आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता उत्तराखंड
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों के लिए 10% आरक्षण,
महिलाओं के लिए 30%, और खिलाड़ियों के लिए 4% खेल कोटा लागू किया।
समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना।
‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के तहत स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान मिल रही है।
🕊️ समापन — “ये सफर जारी रहेगा…”
गणेश जोशी ने कहा —
“हमारे सैनिकों की वीरता और किसानों की मेहनत ने उत्तराखंड को नई पहचान दी है।
अगले 25 साल इस राज्य को ‘विकसित उत्तराखंड’ बनाने के लिए समर्पित हैं।”
