देहरादून _ सेना अधिरारी का पद छोड़ राजनीति मे आए कर्नल अजय कोठियाल ने एक बार राजनीति से हटकर निर्माण कार्य मे भी अपनी खूबी का उपयोग करने की राज्य सरकार को सलाह दी है | 11 हजार फुट की ऊंचाई पर श्री केदारनाथ धाम मे 4 से 5 फुट की बर्फवारी के बीच निर्माण के अपने अनुभव के आधार पर उन्होंने 48 घंटे मे ऋषिकेश – देहरादून के बीच रानी पोखरी के पास ध्वस्त पुल के स्थान पर वैली ब्रिज तैयार करने का प्रस्ताव सरकार को दिया था और आज फिर से इसी स्थान पर आवाजाही बाधित होने के बाद अपने उसी प्रस्ताव पर सरकार को पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है |
केदारनाथ और वर्मा मे निर्माण कार्य के अनुभव के आधार पर बोले कर्नल
चुनाव मे हार जीत अलग बात है राजनैतिक प्रतिद्वंदीता भी एक तरफ है – इस असमय आम जनता को तत्काल आवाजाही बहाल करने की जरूरत है, लिहाजा उनकी बात पर अमल करने की जरूरत है | जनता के हितों के लिए यही विपक्ष का मित्र धर्म है |
पिछले दिनों ऋषिकेश को अस्थायी राजधानी देहरादून से जोड़ने वाले रानी पोखरी के पास बने पुल के मांनसून मे ध्वस्त हो जाने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता और सेवा निवृत्त कर्नल अजय कोठियाल ने राज्य सरकार को सलाह डी थी कि इस स्थान पर यातायात सुचारु करने के लिए तत्काल वैकल्पिक वैली ब्रिज तैयार किया जाना चाहिए | सरकार चाहे तो उनकी सेवा लेकर इस काम को 48 घंटे मे पूरा किया जा सकता है | केदारनाथ जैसी जगह पर निर्माण के अपने लंबे अनुभव के आधार पर उन्होंने दावा किया था कि सरकार चाहे तो उनकी सेवा ले सकती है और इसे आम लोगों की समस्या जानकार बिना किसी राजनीति के वे पूर्ण करने के अपना सहयोग देंगे |
राजनीति फिर काभी इस बार मित्र धर्म
कर्नल के सुझाव को तवज्जो न देकर विभाग ने नदी के रिवर बेड पर ही वैकल्पिक सड़क मार्ग बना डाला जो अगली वर्षा के साथ फिर बह गया | अब आलम ये है कि अपने वाहन के साथ आने वाले लोगों को अपने कार्य स्थल पर जाने मे बड़ी मुस्किल हो रही है | आप नेता ने आरोप लगाया कि इस दौरान वैकल्पिक सड़क निर्माण के लिए ह्यूम पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा है जो अब ट्रेंड ए बाहर हो गए है | वर्मा मे अपने निरमा कार्य के अनुभव के आधार पर उन्होंने बताया कि आजकल प्री कास्ट चौकोर 2 मीटर अथवा एक मीटर के बर्गाकार पाइप का उपयोग किया जाता है , लेकिन विभाग द्वारा जो इस समय जो तकनीकी अपनाई जा रही है उससे यह मार्ग फिर से बह जाएगा |
अपने एक कार्यक्रम ने हरिद्वार जाते समय आप नेता इस स्थान पर रुके और मीडिया के माध्यम से सरकार को एक बार फिर उनके अनुभव का सदपयोग करने की सलाह दी , उन्होंने कहा कि काम अपने विभाग से ही करवा ले किन्तु ड्राफ्ट मे सुझाव लेने मे कोई हर्ज ही क्या है ?