देवभूमि उत्तराखंड में ही आखिर अपदाए क्यो आ रही है । ऐसा क्या हो रहा है कि गंगोत्री यमुनोत्री बद्री केदार चार धामों में एक के बाद एक आपदा का दौर चल पड़ा है ? हैरानी कि बात तो ये है कि आपदा आने के पूर्व चुप्पी साधे प्रशासन आपदा होने के बाद ही हरकत में नजर आता है। जोशीमठ भूधंसाव मे एनटीपीसी कि ब्लास्टिंग से नाराज लोगो ने चक्का जाम किया तो वहा कई कई पर्यटको को भी घंटो इंतजार करना पड़ा
चीखते चिल्लाते और झल्लाते ये लोग पिछले कई घंटों से यूं ही जोशीमठ में फंसे रहे । देश के कोने-कोने से चमोली जिले में घूमने आए लोग चक्का जाम के चलते बीच मे ही फंस गए भू धँसाव के चलते जोशीमठ के स्थानीय लोगों ने सड़क पर चक्का जाम कर दिया था
जोशीमठ में भू धंसाव के बाद बीजेपी सरकार पर पीड़ितो की अनदेखी के आरोप लगे । तो जोशीमठ नगर में बुध वार को सड़कों पर मशाल जुलूस के रूप में जन सैलाब उमड़ पड़ा
स्थानीय लोगों में आक्रोश था कि लगातार दरकते पहाड़ उनकी जिंदगी के रफ्तार को भी रोकने का काम कर रहे हैं जोशीमठ में इस वक्त काफी नाजुक स्थिति बनी हुई है कई इमारतें होटल्स मकान हिल गए हैं बड़ी-बड़ी दरारों ने लोगों को डरा दिया है जिसके चलते गुरुवार को जोशीमठ में बाजार बंद कर लोगों ने सड़क पर चक्का जाम कर दिया ऐसे में दूरदराज से चमोली घूमने आए लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा सवेरे 8:00 बजे से फंसे यात्रियों ने लगातार 8 घंटे का लंबा इंतजार किया और उसके बाद भी जब यात्रियों को जाने का रास्ता नहीं मिला तो उनके सब्र का बांध टूट गया सड़क पर पर्यटक सड़क पर पर्यटक प्रशासन से भिड़ गए पुलिस अधिकारियों पर धड़कने लगे
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वही पर्यटकों का कहना है कि पिछले कई घंटों से हुए सड़क से लोगों के उठने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन लोग उठ नहीं रहे हैं और ना ही यात्रियों के लिए खाने पीने की कोई व्यवस्था है पर्यटकों का कहना है कि वह सुबह से ही इंतजार कर रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है
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भूत धँसाव से प्रभावित परिवारों का गुस्सा सड़कों पर फूट चुका है लोग लगातार बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे नजर आ रहे हैं वहीं कुछ पर्यटकों का मानते हैं कि उनकी परेशानी तो छोटी सी है लेकिन जोशीमठ के लोगों की परेशानी बहुत बड़ी है क्योंकि लगातार जोशीमठ में बहुत भू धँसाव हो रहा है
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20 से 25 हजार की आबादी वाला नगर जो बद्रीनाथ से पहले का अति महत्वपूर्ब नगर है अनियंत्रित विकास की भेंट चढ़ रहा है । एक तरफ तपोवन विष्णुगाड परियोजना की एनटीपीसी की सुरंग ने जमीन को भीतर से खोखला कर दिया है दूसरी तरफ बायपास सड़क जोशीमठ की जड़ पर खुदाई करके पूरे शहर को नीचे से हिला रही है ।
एक तरफ जनता पिछले एक साल से अधिक से त्राहि त्राहि कर रही है दूसरी तरफ शासन प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है । स्थानीय प्रशासन के बार अनुरोध के बावजूद घरों का सर्वे नहीं किया । दिसम्बर प्रथम सप्ताह में बहुत जोर डालने पर नगर पालिका को प्रभावितों की गिनती करने को कहा गया । नगर पालिका सर्वे में लगभग 3000 लोगों को चिन्हित किया जो आपदा आने पर प्रभावित होंगे । हैरानी की बात तो ये है कि सरकार ने आपदा से बचाव कि बजाय आपदा आने के बाद जन धन की हानि का आंकलन करवाया जो बेहद निराशाजनक है
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने विधायक बद्रीनाथ के साथ मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री जोशीमठ की जनता के दर्द को जानेंगे सुनेंगे और तत्काल निर्णय लेंगे । किन्तु मुख्यमंत्री ने पूर्व कैबिनेट मंत्री वर्तमान विधायक व संघर्ष समिति के लोगों, अध्यक्ष नगर पालिका जोशीमठ व अन्य लोगों को बैठने तक को नहीं कहा । एक मिनट से कम में बात आधी अधूरी सुनकर चीफ सेक्रेटरी से बात करने की कह आगे बढ़ गए विधायक बद्रीनाथ ने दोबारा पूछा कि हम रुंके या जांय तो कह दिया कि चले जाओ ।
अब लोग कह रहे है कि ये सिर्फ विधायक का बल्कि क्षेत्र की जनता का अपमान था यह जोशीमठ की पीड़ित ठंड में राहत की उम्मीद कर रही जनता का भी अपमान था ।