देहरादून। राज्य में सहायक अध्यापकों की लंबे समय से चली आ रही मांग को आखिरकार राज्य सरकार ने पूरा कर दिया है। सरकार एलटी शिक्षकों की सेवा नियमावली में संशोधन करते हुए जल्द ही एसओपी जारी करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार द्वारा सहायक अध्यापकों को स्थानांतरण में छूट देने के बाद अब इन शिक्षकों के एक तरफ अंतर मंडलीय स्थानांतरण हो सकेंगे, तो वही ऐसा होने से प्रदेश के कई शिक्षकों को अपनी इच्छित जिलों में नियुक्ति का मौका मिल सकेगा। हालांकि, राज्य सरकार ने सहायक अध्यापकों को अपने पूरे सेवा काल में एक बार ही संवर्ग परिवर्तन करने का मौका देने का फैसला लिया है।
राज्य में सहायक अध्यापकों को संवर्ग परिवर्तन का मौका तभी मिलेगा जब वह अपने मूल संवर्ग में कम से कम 5 साल की संतोषजनक सेवा पूरी कर लेंगे। ऐसे शिक्षकों को अपनी 5 साल की सेवा पूरी करने के बाद दूसरे मंडल में स्थानांतरण के लिए मौका मिल सकता है। राज्य के ऐसे कई शिक्षकों को फायदा मिलने जा रहा है जो पिछले लंबे समय से तमाम वजहों के कारण अपने संपर्क में बदलाव की मांग कर रहे थे। इसी को देखते हुए शिक्षकों की लंबे समय से सरकार से नियमों में संशोधन की भी मांग की जा रही थी।
राज्य में सालों पुरानी इस मांग पर विचार करते हुए सरकार ने इस पर सकारात्मक निर्णय लिया है। हालांकि, इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से एसओपी जारी किया जाना बाकी है। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा सहायक अध्यापकों को मंडल बदलने में अब यह नया नियम सहायक हो सकेगा। दूसरे मंडल में तैनाती लेने के बाद संबंधित शिक्षक अपने नए संवर्ग में सबसे जूनियर माने जाएंगे। इसके लिए शिक्षकों द्वारा अपने मंडल में ही आवेदन करने होंगे इसके बाद निदेशक माध्यमिक शिक्षा के स्तर पर इस पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, शासन स्तर पर गठित समिति से भी इसका अनुमोदन लेना होगा।
अंतर मंडलीय स्थानांतरण में पारदर्शिता के लिए शासन स्तर पर अपर सचिव माध्यमिक शिक्षा की अध्यक्षता में पांच सदस्य समिति गठित की गई है। इसमें अपर सचिव शिक्षा के अलावा अपर सचिव कार्मिक, संयुक्त सचिव माध्यमिक शिक्षा, उपसचिव और अनुसचिव माध्यमिक शिक्षा भी सदस्य के तौर पर काम करेंगे।