🚨 उत्तरकाशी में भूकम्प मॉक ड्रिल की बड़ी तैयारी! | 15 नवम्बर को सात जगहों पर होगा अभ्यास, प्रशासन ने कसी कमर 🚨

🕊️ “आपदा नहीं, तैयारी ज़रूरी” — जिलाधिकारी प्रशान्त आर्य
उत्तरकाशी, 13 नवम्बर — देवभूमि उत्तराखंड, जो भूकम्प की दृष्टि से संवेदनशील ज़ोन में आता है, एक बार फिर तैयार है “आपदा प्रबंधन की परीक्षा” देने को। संभावित भूकम्प से होने वाले नुकसान को कम करने और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए गुरुवार को राज्य आपदा परिचालन केंद्र, देहरादून से ज़िलाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मीटिंग आयोजित की गई।
💥 15 नवम्बर को सात जगहों पर मॉक ड्रिल
इस बैठक में उत्तरकाशी ज़िले के लिए 15 नवम्बर की तिथि तय की गई है। इस दिन जनपद के सात स्थानों पर भूकम्प मॉक अभ्यास आयोजित किया जाएगा।
डीएम प्रशान्त आर्य ने बताया —
“यह अभ्यास हमारी तैयारियों की हकीकत दिखाएगा। सभी विभागों, एनजीओ और आपात प्रतिक्रिया दलों को इसमें शामिल किया गया है ताकि किसी भी वास्तविक आपदा में देरी न हो।”
⚡ तैयारी, समन्वय और जागरूकता पर ज़ोर
टेबल टॉक अभ्यास के दौरान ज़िला प्रशासन ने इस बात पर बल दिया कि भूकम्प के दौरान सभी विभागों की सहभागिता और समन्वय ही सबसे बड़ी ताकत है।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि लोगों तक सुरक्षित निकासी मार्ग, आपात संचार व्यवस्था और जनजागरूकता अभियान को कैसे और मज़बूत किया जा सकता है।
👥 अधिकारी और विभाग हुए सतर्क
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य विकास अधिकारी जय भारत सिंह, अपर जिलाधिकारी मुक्ता मिश्रा, उप जिलाधिकारी शालिनी नेगी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दूल गुसाई, और इंस्पेक्टर संचार सचिन कुमार समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने अपने-अपने विभागों की तैयारी का ब्यौरा साझा किया।
🌍 उत्तरकाशी: जहां धरती बोलती है, वहां तैयारी ही सुरक्षा
उत्तरकाशी की पहाड़ियां अकसर धरती के कंपन को महसूस करती रही हैं। इसीलिए प्रशासन अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहता।
यह मॉक ड्रिल सिर्फ़ एक अभ्यास नहीं — बल्कि लोगों को भरोसा दिलाने का संदेश है कि संकट की घड़ी में शासन और प्रशासन दोनों तैयार और तत्पर हैं।
🛑 “जब धरती हिले, तो डर नहीं — तैयारी याद रखें।” 🛑
चाहें देवभूमि की धरती कांपे या आसमान गरजे — उत्तरकाशी अब हर चुनौती के लिए तैयार है।
👉 15 नवम्बर को देखते रहिए — ये होगा हकीकत की तैयारी का जनरल रिहर्सल।
