जलाशयों के डिसिल्टिंग को रॉयल्टी फ्री करने की नीति बनायेः मुख्य सचिव

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देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जलाशयों के डिसिल्टिंग (सिल्ट या मिटृी उठान) को रॉयल्टी फ्री करने हेतु नीति बनाने के निर्देश दिए हैं।
आज यहां सचिवालय में व्यय वित्त समिति की बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी नेउत्तराखण्ड के बौर, हरिपुरा, तुमारिया, नानकसागर जैसे जलाशयों में अत्यधिक सिल्ट जमाव की समस्या के समाधान, तथा इन जलाशयों में पर्यटन गतिविधियों एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दिशा में जलाशयों के डिसिल्टिंग (सिल्ट या मिटृी उठान) को रॉयल्टी फ्री करने हेतु नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में सिंचाई विभाग को सभी सम्बन्धित विभागों से अनापत्ति लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि यदि विभाग द्वारा बौर व हरिपुरा जलाशयों के सिल्ट का कर्मिशयल उपयोग नही किया जा रहा है तो इन जलाशयों के सिल्ट उठान को रॉयल्टी फ्री करने की नीति तैयार करने की दिशा में तत्काल कार्य आरम्भ किया जाए। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने सिंचाई विभाग को 15 दिन का समय देते हुए वन विभाग के साथ सयुंत्तफ निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जलाशयों को पचास साल से भी अधिक का समय हो गया है. ऐसे स्तिथि में जलाशयों की क्षमता निरंतर घटती जा रही है. जलाशयों में अत्यधिक सिल्ट आने से भविष्य में किसानों को सिंचाई के लिए पानी के अभाव और बाढ़ जैसे चुनौतियों के समाधान, जलाशयों में पर्यटन गतिविधियों एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए डिसीलटिंग जरूरी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा पर्यटन हब के रूप में भी इस क्षेत्र को विकसित किया जाना है। उत्तराखण्ड शासन की महत्वकांक्षी योजना 13 जनपद 13 पर्यटन स्थल में भी बौरकृहरिपुरा जलाशय को सम्मिलित किया गया है। इन जलाशयों में पर्यटन की गतिविधियों को बढावा देने हेतु पर्यटन विभाग द्वारा विगत वर्षों से पर्यटकों हेतु नौकायान एवं अन्य जल क्रीडाओं का आयोजन किया जा रहा है जिसमें भारी संख्या में पर्यटकों का आवागमन बना रहता है। उत्तफ जलाशयों के पहुँच मार्ग कच्चे होने के कारण पर्यटकों के सुगम आवागमन में अत्याधिक कठिनाईयां उत्पन्न हो रही है जिसके लिए यह योजना बनाई गई है। योजना का वित्त पोषण मिसिंग लिंक फंडिग तहत किया जा रहा है। आज की व्यय वित्त समिति में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने मोहकमपुर देहरादून में न्यायिक कार्मिकों के लिए बनने वाले 32 आवासीय भवनों के निर्माण का भी अनुमोदन दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि उत्तफ आवासीय भवनों में अनिवार्य रूप से सोलर पैनल की व्यवस्था की जाए तथा ग्रीन बिल्डिंग की अवधारणा पर कार्य किया जाए। बैठक में सचिव पशुपालन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिंचाई एव सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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