देहरादून। लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए राजावाला-सेलाकुई निवासी असिस्टेंट कमांडेंट टीकम सिंह नेगी (34) का मंगलवार को प्रेमनगर स्थित श्मशान घाट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। चचेरे भाई शुभम रावत ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी। नम आंखों से परिजनों और क्षेत्रवासियों ने शहीद को अंतिम विदाई दी।
देहरादून जनपद के राजावाला गांव निवासी टीकम सिंह नेगी भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) में असिस्टेंट कमांडेंट थे। वर्तमान में वह भारत-चीन सीमा पर लद्दाख में गोपनीय मिशन पर थे। जहां पेट्रोलिंग के दौरान बोल्डर गिरने से उनके सिर पर गंभीर चोटें आई थी, जिसमें वे शहीद हो गए थे। बीते सोमवार की सुबह करीब 10 बजे परिजनों को उनके शहीद होने की खबर मिली, जिससे पूरे क्षेत्र में मातम छा गया।
मंगलवार की सुबह से ही आईटीबीपी और प्रशासन के अधिकारियों का उनके घर पर पहुंचना शुरू हो गया था। शाम करीब साढ़े तीन बजे जैसे ही आईटीबीपी के जवान शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर उनके घर पर पहुंचे, परिजनों में चीख पुकार मच गई। सभी बिलख-बिलख कर रोने लगे। शहीद को श्रद्धांजलि देने बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों की आंखें छलक गई। शहीद को आईटीबीपी, उत्तराखंड पुलिस के अधिकारियों ने सलामी दी। पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाया। कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, पूर्व मंत्री अरविंद पांडेय, विधायक सहसपुर सहदेव सिंह पुंडीर, एडीजी आईटीबीपी मनोज रावत, एडीजी लॉ एंड आर्डर बी मुरुगेशन, आईजी गढ़वाल केएस नगन्याल, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी। शाम करीब चार बजे घर से शहीद की शव यात्रा निकली। इस दौरान जब तक सूरज चांद रहेगा, टीकम तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय जैसे नारे गूंजते रहे। अंतिम यात्रा भाऊवाला चैक, सेलाकुई, झाझरा, सुद्धोवाला होते हुए शाम करीब साढ़े पांच बजे प्रेमनगर स्थित श्मशान घाट पहुंची, जहां राजकीय सम्मान के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने शहीद को अंतिम विदाई दी।