कोविड 19 विश्व व्यापी महामारी के बाद देश विदेश से वापस अपने वतन उत्तराखंड को लौटे प्रवासियों को स्थायी रूप से रोजगार देकर बसाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की महत्वकाक्षी स्वरोजगार योजना को सरकारी बैंक पलीता लगा रहे है| हालत ये है कि बैंक के चक्कर काटने के बाद बेरोजगार युवक एक बार फिर रोजगार कि तलास मे प्रदेश छोड़ कर जाने को तैयार हो गए है | हैरानी तो इस बात कि है कि विधान सभा चुनाव 2022 मे ताल ठोक कर खड़ी होने वाली बिपक्षी काँग्रेस भी इस मसले पर चुप्पी साधे बैठी है अथवा अपने अंदरूनी विवादो मे ही उलझी हुई है | बताया जा रहा है की बैंक जमीन की 143 करने और पुरखो की जमीन की निजी नाम से रजिस्ट्री की मांग कर रहे है | सीमांत जिले उत्तरकाशी के युवक कमल रावत ने ऋण के लिए बैंक द्वारा परेसान किए जाने का दावा किया गया है | चलिये आपको सीधे कमल सिंह रावत से ही मिलवाते है |
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