गंगा नदी की अविरलता को लेकर लिए संतों की कुर्बानी का सिस्टम पर कोई असर न होता देख साधु समाज मे चिंता व्याप्त है। समाज के एक प्रबुद्ध बर्ग ने स्वामी सानंद और स्वामी निगमानंद के प्राणों की आहुति के बाद अब स्वामी आत्मबोधानंद को उसी दिशा के जाता देख चिंता व्यक्त की है, जिसके बाद सिस्टम में कुछ हलचल दिखाई दी है जिसका संज्ञान लेकर स्वामी आत्मबोधानंद ने जल त्यागने का अपना निर्णय दो मई तक टाल दिया है।
अंकित तिवारी
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के निदेशक श्री राजीव रंजन मिश्रा और एग्जीक्यूटिव निदेशक (परिजेक्ट) श्री जी अशोक कुमार ने मातृ सदन पहुँचकर ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद से विस्तृत वार्ता की और एनएमसीजी के आदेश का अनुपालन तुरंत करवाने की बात कही तथा आश्वासन दिया कि वे एक सप्ताह के अंदर ही बांध परियोजना, जिसमे प्रस्तावित समस्त बाँधों को निरस्त करने और निर्माणाधीन 4 बांधों को निरस्त करने का लिखित देंगे। इस पर ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद जी ने जल त्यागने का निर्णय 2 मई तक बढ़ा दिया है।


