प्राण त्याग की प्रतिज्ञा – शरीर अस्पताल को किया दान:मेरु रैबार

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जल त्याग करने पर आमादा स्वामी सानंद

हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री निशक के आश्वासन पर बुधवार सुबह तक की दी है मोहलत।
धर्मेन्द्र चौधरी हरिद्वार।
गंगा की अविरलता और स्वच्छता के लिए पिछले 110 दिनों से धरने पर बैठे प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद ने मंगलवार को जल त्याग करने की घोषणा की थी।
मातृ सदन में अनसन पर बैठे स्वामी सानंद से मिलने हरिद्वार के सांसद और पूर्व मुख्य मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक पहुँचे।  स्वामी सानंद ने गंगा को बांध मुक्त कर गंगा को निर्मल करने कज मांग कर साथ गंगा जल को सामान्य जल समझ कर इसका अपमान करने वालो को कड़ी सजा देने की मांग की। इससे पूर्व पत्रकार वार्ता में स्वामी सानंद ने कहा कि एक बार वे जल त्याग करने के बाद उनकी मांग स्वीकार करने के बाद भी वे वापस जल ग्रहण नही करेंगे।
सांसद के कहने पर उन्होंने बुधवार सुबह तक का समय सरकार को निर्णय लेने के लिए दिया है। गौरतलब है कि स्वामी मरने के बाद अपना पूरा शरीर aiims अस्पताल को दान देने की घोषणा कर चुके है लिहाजा उनकी मौत के बाद शव का अंतिम संस्कार भी नही हो सकेगा और लंबे समय तक उनकी याद और संघर्ष चिर स्थायी बने रहेंगे।

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<https://youtu.be/3kA3q9QGPi0 div>

https://youtu.be/3kA3q9QGPi0
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निशक ने बताया कि वे सरकार के प्रतिनिधि होने के नाते उनसे मिलने आये है। उन्होंने अपने कार्यकाल के हवाला देते हुए बताया कि श्रीनगर जल विधुत परियोजना के लिए उन्होंने धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखते हुए धारी देवी को डूबने नही दिया।

उन्होंने स्वामी सानंद कज मांगो से सहमति जताई किन्तु अपनी सीमाओं का भी अहसास कराया कि वे सबकुछ नही है अंतिम निर्णय फाइनल अथॉरिटी को ही करना है।
 अब देखना दिलचस्प होगा कि सुबह की पहली किरण जल ग्रहण करवाती है या जल त्याग करने की ।
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