उत्तराखंड मे मंत्री और अधिकारियों की लाल बत्ती तो पहले से ही हाइ कोर्ट ने गुल कर दी थी अब जब जिला स्तरीय अधिकारी भी राज्य मंत्री का फोन तक उठाने को राजी नहीं है तो अब माननीयों को राज्य मंत्री का ये ओहदा एक झुन झूना से कम नहीं लग रहा जिस से वे अपने घर मे नाती पोतो के साथ कागज की नाव बना कर ही खेल सकते है |
प्रदेश मे विपक्ष की नेता इन्दिरा हरेदेश नौकर शाह के लेकर घोड़े और घुड़ सवार का जुमला प्रयोग किया था किन्तु ये धरातल की हकीकत है कि नौकरशाह – अधिकारी बेलगाम हो गए है ये हम नहीं कह रहे, बल्कि प्रदेश के दर्जा धारी राज्य मंत्री, चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष राज्यमंत्री शिवप्रसाद ममगाई अपनी पीड़ा मीडिया के सामने रख रहे है | दरअसल लाल बत्ती तो पहले से ही गायब कर दी गयी है और विभाग मे प्रदेश स्तर पर भी दर्जा धारी मंत्री की कोई भूमिका भी पहले से ही तय नहीं है, पर अब तो हद हो गयी जब जिला स्तरीय अधिकारी भी दर्जा धारी मंत्री को घास डालने को तैयार नहीं है | अब इन दर्जा धारी मंत्री के पास अपने इस ओहदे का घंटा कजाकर चार धाम यात्रा पर निकालने के अलावा कोई चारा नजर नहीं आता है |
आम लोगो की तो छोड़ भी दीजिये रूद्रप्रयाग जिले मे अधिकारी अपने ही विभागीग राज्यमंत्री का फोन तक नही उठाते, जी हां रूद्रप्रयाग पहुचे चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष राज्यमंत्री शिवप्रसाद ममगाई का कुछ ऐसा ही कहना है, कि तीन महीने से जिला पर्यटन अधिकारी उनका फ़ोन नही उठा रहे हैं, ऐसे में दायित्वधारी राज्यमंत्री का जब जिला पर्यटन अधिकारी ने फोन नही उठाया तो राज्यमंत्री मंमगाई सीधे जिला पर्यटन अधिकारी के कार्यालय पहुंच गए। लेकिन जब वह जिला पर्यटन विभाग के कार्यालय पहुंचे तो वहां से भी जिला पर्यटन अधिकारी गायब मिले, दायित्वधारी राज्यमंत्री ने एक घंटे तक कार्यालय में इंतजार किया, लेकिन अधिकारी नही नहीं आए, हालांकि पर्यटन अधिकारी जनपद में ही मौजूद थे, जिसके बाद उन्होंने उपस्थिति पंजिका रजिस्टर में पर्यटन अधिकारी की अनुपस्थिति भी लगाई, राज्यमंत्री मंमगाई का कहना है कि पर्यटन विभाग उनके अधीन होने के बावजूद जिला पर्यटन अधिकारी उनका फोन रिसीव तक नहीं करते, ऐसे अधिकारियों को बिल्कुल बर्दास्त नही किया जाएगा।
शिवप्रसाद ममगाई, चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष।