देहरादून/पौडी। जब हम संसद में जाते थे तो जम्मू-कश्मीर के कुछ सांसद कहते थे की धारा 370 हटा कर देखो खून की नदियां बह जाएंगी। भारतीय जनता पार्टी कि सरकार बहुमत में आई और हमने धारा 370 हटाई। लेकिन कहीं कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। उक्त बात बुधवार को विकासखंड बीरोंखाल स्थित रसिया महादेव में जिला सहकारी बैंक की शाखा के लोकार्पण अवसर पर प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व, संस्कृति मंत्री एवं चैबट्टाखाल विधायक सतपाल महाराज ने कही।
विकासखंड बीरोंखाल स्थिति रसिया महादेव मैं जिला सहकारी बैंक की शाखा खोलने के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कैबिनेट मंत्री एवं चैबट्टाखाल विधायक सतपाल महाराज ने कहा कि जिला सहकारी बैंक की शाखा खुलने से यहां क्षेत्रवासियों को बड़ी सुविधा मिलेगी उन्होंने जम्मू कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि पहले दो प्रधानमंत्री होते थे, एक भारत में दूसरा जम्मू कश्मीर में। अक्सर लोग कहते थे कि एक देश में दो दो प्रधानमंत्री क्यों? समय बदला जम्मू कश्मीर के प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री कहा जाने लगा। जब हम संसद में जाते थे तो वहां के कुछ सांसद कहा करते थे कि धारा 370 हटाओगे तो खून की नदियां बह जाएंगीं।
लेकिन भाजपा सरकार ने निश्चय किया कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटानी है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह ने तत्काल निर्णय लेते हुए जम्मू कश्मीर से धारा 370 को एक झटके में समाप्त कर दिया। जम्मू कश्मीर के लोगों ने पूरा साथ दिया और जो लोग गीदड़ गीदड़ भपकियां दिया करते थे उनके मंसूबों पर पानी फिर गया। आज वहां पंचायत एक्ट लागू हो गया है। आज देश का कोई भी व्यक्ति वहां जमीन खरीद सकता है।अपना व्यवसाय एवं कारोबार कर सकता है। जम्मू कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग बन गया है जोकिंग भाजपा सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। अब पाकिस्तान के पास जो हमारा हिस्सा है वह हमें वापस लेना है।
श्री महाराज ने अपने विधानसभा क्षेत्र में विधायक निधि से गुरीण्डा संपर्क मार्ग एवं कोटिला गुनिया महादेव संपर्क कटने पर क्षेत्रवासियों को बधाई देते हुए कहा कि अमृत महोत्सव के अवसर पर आज यह रोड काटी जा रही है। इससे गांव तक कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी और निश्चित रूप से क्षेत्र का भी विकास होगा। इस अवसर पर मुकेश पोखरियाल, ओमपाल, दर्शन सिंह दानू, शक्ति केन्द्र अध्यक्ष जगतसिंह चैधरी, सुमित्रा देवी, दिलवर सिंह, दीलिप सिंह जोतसिंह, यशवन्त सिंह, दानसिंह, कुवरसिंह, कृतेश, संजय सिंह, महेन्द्र त्रिपाठी, दुर्गेश, सुनिता देवी, दीपसिंह, सुभाष ध्यानी, लेखराज सहित समस्त क्षेत्रवासी मौजूद थे।