प्रदेश में पर्यटन को पहाड़ी तड़का

Share Now
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पहाड़ी तड़का ।
प्रदेश में मुख्यमंत्री आवास के बाद पहाड़ी शैली में अन्य सरकारी निर्माण की हुई पहल।
एक आईडिया बदल सकता है जिंदगी।

गिरीश गैरोला 

उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पहाड़ी परंपरा और संस्कृति के भवनो की शैली में होटल तैयार करने का डीएम उत्तरकाशी ने पहाड़ी तड़का दिया है। उत्तराखंड प्रदेश में पहाड़ी शैली में निर्मित पहला भवन   मुख्यमंत्री आवास के बाद सरकारी भवनो को पहाड़ी शैली में निर्मित करने का यह दूसरा प्रयास हो सकता है।
पीआरडी द्वारा जनपद के 6 ब्लॉक से 60 बेरोजगारों को दिए गए प्रशिक्षण के समापन अवसर पर डीएम उत्तरकाशी डॉ आशीष चौहान ने कहा कि लुप्त हो रही पहाड़ी संस्कृति को सहेजने की दिशा में यह एक आईडिया यहाँ कई  बेरोजगारों की जिंदगी को बदल सकता है।
डीओ पीआरडी बिजय प्रताप भंडारी ने बताया कि अब तक केवल पढ़े लिखे लोगो के लिए ही इस तरह के व्यावसायिक प्रशिक्षण चलाये जाते रहे है किंतु उनकी 10 वर्ष की सेवा काल मे पहली बार स्किल और अनस्किल्ड दोनों तरह के लोगो को ऐसी ट्रेनिंग दी गयी जिससे पहाड़ की संस्कृति के संरक्षण के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
पीआरडी द्वारा 6 ब्लॉक के 60 बेरोजगारों को दो महीने का पहाड़ी पटाल के मकान , कष्ट कला शिल्प और जेसीबी मशीन रिपेयर का प्रशिक्षण दिया गया। इतना ही नही जिला योजना मद से पीआरडी मनेरा में 15 लाख की लागत से जो तीन गेस्ट हाउस बनाने जा रही है उसकी दीवार पहाड़ी परंपरा के अनुरूप मिट्टी पत्थर की और छत पटाल की ही होगी।
डीएम आशीष चौहान ने बताया कि वे इस पहाड़ी कला के संरक्षण के लिए होटल व्यवसायियो को अपने होटल इसी अनुरूप निर्मित करने के सलाह दी जाएगी, इसके साथ ही सरकारी भवनों में भी इसके उपयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा, और पहाड़ी काष्ट कला को प्रमोट करने के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ( निम ) के म्यूजियम में इन्हें प्रदर्शन कर वेब साइट बनाकर ऑनलाइन बाजार तैयार किया जाएगा।
गौरतलब है कि पहाड़ी शैली में निर्मित ये घर प्राकृतिक रूप से ऐसी होते है, जो शर्दियों में गर्म तो गर्मियों में ठंडे रहते है।
error: Content is protected !!