उत्तरकाशी जिले के तिलोथ में स्थित नरो बिजोला का ऐतिहासिक घर जीर्ण शीर्ण होकर आज ढहने को तैयार है किंतु न तो पुरातत्त्व विभाग ने इसकी सुध ली और न पर्यटन विभाग ने।
नरो बिजोला का गाँव तिलोथ नगर पालिका विस्तार के बाद पहली बार बड़ाहाट उत्तरकाशी नगर पालिका का हिस्सा बनने जा रहा है किंतु गाँव बचाओ आंदोलन में पालिका विस्तार का विरोध कर रहे लोगो से प्रेरित होकर ज्यादातर ग्रामीणों ने नगर पालिका में अपने नाम ही दर्ज नही कराए। अब हालात ये है कि पूरा वार्ड जल विधुत निगम पावर हाउस कॉलोनी के कर्मचारियों और तिलोथ सेरा में आकर बसे मतदाताओं की पसंद पर वार्ड मेम्बर और अध्यक्ष को ही मतदान हो सकेगा।
वार्ड पर नजर डाले तो सतीश गुसाईं और गोविंद सिंह गुसाईं के साथ दिनेश उनियाल मैदान में है। सतीश गुसाईं की पत्नी एक बार ग्राम प्राधन राह चुकी है उनके कार्यकाल में किये गए कार्य का आकलन लोग जरूर करेंगे उसके बाद प्रधान के चुनाव में प्रत्यासी दिनेश उनियाल दूसरे स्थान पर तो प्रत्यासी सतीश गुसाईं काफी पीछे रहे थे। दोनों को गुसाईं परिवार होने के चलते नुकसान इसलिए नही होगा क्योंकि ज्यादातर ग्रामीणों का नाम वोटर लिस्ट में है नही।गोविंद सिंह कमांडो सिलयाँण से आकर तिलोथ में बसे थे जो भारतीय सेना में बतौर कमांडो अपने सेवा दे चुके है और संसद भवन के साथ अक्षर धाम में हुए आतंकी अटैक में हुई कमांडो कार्यवाही में अपनी सेवा दे चुके है। इसलिए गाँव मे उसे आज भी कमांडो कहकर ही लोग बुलाते है।सुत्रो की माने तो बीजेपी से टिकट की अंतिम समय तक उम्मीद के बाद भी जब समीकरण बदला तो कमांडो निर्दलीय मैदान में उतर गए।
पूर्व प्रधान सरदार गुलराज सिंह अपने समुदाय के अकेले व्यक्ति होने के बाद भी पिछले ग्राम प्राधन चुनाव में धमाकेदार जीत के साथ राजनीति में आये थे तब तिलोथ मूल गाँव और बाद में बसे सेरा गाँव मे वोटो का गणित ऐसे चला कि सरदार ने जीत का इतिहास बना दिया। गंगा भागीरथी के किनारे बसे तिलोथ सेरा के मतदाताओं को बाढ़ की आपदा के समय सरदार गुलराज की घर जाकर सहयोग मदद को लोगो ने मतदान के प्रसाद रूप में वापस लौटाया। इस बार प्रयास के बाद भी सरदार गुलराज काँग्रेश पार्टी से पालिका के लिए टिकट नही ले सके तो अपने मित्र सतीश गुसाईं पर दांव खेल दिया। सरदार की मित्रता के साथ काँग्रेश का हाथ और प्रधान के पिछले कार्यकाल के नफा नुकसान का आंकलन कर इस बार भी मतदान होगा।
तिलोथ पुल से शिशु मंदिर की तरफ आरसीसी की मजबूत दीवार तो लगाई गई किन्तु नदी की तरफ कोई पैराफिट दीवार या रेलिंग नही लगी जिसके चलते हादसा होने का खतरा बना हुआ है, गाँव मे पानी की किल्लत है , घरों से निकलने वाले पानी के समायोजन की दिक्कत भी है। पहली बार ग्राम सभा ने सीवर लाइन बिछवाई किन्तु कुछ दूर पर जाकर नाली में छोड़ दी।
इन्ही मुद्दो के साथ अध्यक्ष और सभासद चुनकर पालिका में पहुँचेंगे और बेहतर नगर की कल्पना को साकार करेंगे