जमीन पर चित्त पड़े पटवारी की अनकही दास्तान।

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“थोड़ी सी जो पी ली है, डाका तो नही डाला , चोरी तो नही की है, हंगामा ही क्यों बरपा”

गिरीश गैरोला

शायद यही कुछ कहने का प्रयास कर रहे है राजस्व उप निरीक्षक साहब, टिहरी जनपद के लंबगांव बाजार में मदिरापान कर धरती माँ के साथ निकटता का रिश्ता निभा रहे कोटला गाँव के पटवारी ।

साम ढलते ही कस्बे में शराबियों के हुड़दंग को देखते हुए स्थानीय लोगो की मांग पर यहाँ पुलिस चौकी तो खुली किन्तु जब राजस्व अधिकारी ही पीकर चित्त हो गए हो तो पुलिस भी क्या करे, आखिर सरकारी आबंटित दुकान से जीएसटी जमाकर सरकारी राजस्व जमा किया है तो महकमे की जिम्मेदारी बनती है कि साहब को इज्जत के साथ उठाकर घर तक पहुचाये।

अब गजल गायक पंकज उधास कहते है कि पियो लेकिन रखो हिसाब , कि थोड़ी -थोड़ी पिया करो। वही सरकार कहती है कि पियो खूब पियो,  पर घर पर पियो, अब घर जाओ तो पत्नी नाराज होती है ये घर है कोई होटल नही , होटेल जाओ तो पुलिस लपक लेती है । अब सरकारी राजस्व बढ़ाने वाले पेवड़िये देश प्रेमी अखिर जाए तो कहा जाए?

ये वो वर्ग है जिसने कभी भी शराब के दाम बढ़ाने को लेकर कोई हड़ताल नही करता, चुपचाप स्वीकार कर लिया, जेब पर भारी पडी तो हाफ से पव्वा ले लिया बस। कोई डिस्काउंट की मांग नही की।

खुसी और गम में साथ देने वाली इस दवा के प्रेमियों के लिए भी कोई स्थान निर्धारित किया जाय।

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