यूपी मे पटवारी राज – सेव निवृत्ति से पहले सजा ?

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एक तरफ यूपी कि योगी सरकार हर गरीब परिवार को छत  उपलव्ब्ध कराने के लिए योजनाए संचालित कर रही है वही कुछ घूसखोर राजस्व कर्मी इन योजनाओ पर पलीता लगाने मे कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है

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लोकतंत्र में जनता से चुनी हुई सरकार जनता के लिए काम करती है, ये बात  पुस्तकों में जरूर पढ़ाई जाती है लेकिन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज मेजा तहसील अंतर्गत इसका उलट देखने को नहीं मिल रहा है । यहां राजस्व विभाग के सरकारी कर्मचारी अपना राज चला रहे हैं । बात करते हैं एक ऐसे लेखपाल की जो लगातार चर्चाओं में है चर्चा उनके काम को लेकर ही नहीं उनके व्यवहार को लेकर भी है । यह जनाब लेखपाल सरकारी सेवा पूर्ण कर अब 28 फरवरी को सेवानिवृत्त भी होने वाले हैं लेकिन जनाब की शिकायतों की फेहरिस्त जरूरत से ज्यादा लंबी हो गई है , लगता है कि इस बार जनाब का ऊंट पहाड़ के नीचे आ ही गया है।

लेखपाल पर आरोप है कि वह अपनी रिपोर्ट में पैसे का लेनदेन कर फर्जी मामले दर्ज कराते हैं इस बार तहसील दिवस में जब लेखपाल की एक ही मामले पर दो अलग-अलग रिपोर्ट देखने को मिली तो लेखपाल की नौकरी खतरे में पड़ गई । अब सेवा निवृत्ति से पहले सजा मिलेगी तो सेवानिवृत्ति  फ़ंड  भी खतरे मे पड़ जाएगी यही सोचकर जनाब अब कुछ परेसान तो हुए है पर गलती स्वीकार करने को फिर भी तैयार नहीं , मौके पर मौजूद एसडीएम ने तहसीलदार से जांच करा कर कार्यवाही का भरोसा दिया है।

जनपद प्रयागराज के अंतर्गत मेजा खास गांव मे यहां के मूलनिवासी सुनील कुमार शर्मा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि वे 40 साल से अपनी पुश्तैनी जमीन पर काबिज है और अब उसपर पीएम आवास योजना के तहत घर निर्माण करवा रहे है लेकिन उनका  पड़ोसी गयासुद्दीन चमकू रिजवान शमीमा बेगम आदि दबंग किस्म के लोग इसमे अवैध रूप से हस्तक्षेप कर रहे हैं मामला लेख पाल तक पहुचा तो पहले तो उसने रही रिपोर्ट दी किन्तु बाद मे दबंगों के प्रभाव मे रिपोर्ट ही बदल दी । मामला उच्च अधिकारियों तक पाहुचा तो लेखपाल कि करतूत का खुलासा हुआ एक ही मामले मे दो अलग अलग रिपोर्ट देने वाले लेखपाल पर एक बार फिर से जांच कि तलवार लटक गई है।  ऐसे मे आने वाली 28 फरवरी को सेवा निवृत्त होने वाले लेखपाल कि मुसकिले  बढ़ती हुई दिखाई दे रही है । लेखपाल कि करतूत यही तक सीमित नहीं है कुछ अन्य लोगो ने भी इसी तरह के आरोप लेकपाल पर लगाए है ।लेखपाल की ऐसी ही करतीतों का खुलासा करते हुए इन जनाब पर आरोपो की झड़ी लगा दी है ।

मामला एक बार फिर  से एसडीएम की जांच टेबल पर आ गया है जहा से तहसीलदार को जांच के लिए आदेश किए जा चुके है अब देखना होगा कि लेकपाल कि सेवा निवृति से पहले क्या रिपोर्ट आती है

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